जुबिली न्यूज़ डेस्क
केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की आग गुरुवार को उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई। सूबे की राजधानी समेत कई शहरों में लोगों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। लेकिन लखनऊ में हो रहा प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया और प्रदर्शनकारी दंगाईयों में तब्दील हो गए। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों के निशाने पर जहां प्रशासन था तो वहीं मीडिया पर भी हमला किया गया।
Lucknow: 20 motorcycles, 10 cars, 3 buses and 4 media OB vans have been set ablaze in the area around Parivartan Chowk during protests against #CitizenshipAmendmentAct, today. pic.twitter.com/uUkLDOII46
— ANI UP (@ANINewsUP) December 19, 2019
कुछ अराजक तत्वों ने न्यूज़ चैनल की 4 ओबी वैन को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि, एक बड़े समाचार पत्र के पत्रकार को पुलिस ने कवरेज के दौरान बुरी तरह पीटा है। इतना ही नहीं उसके बार-बार बताने के बावजूद की वह पत्रकार है, उस पर लाठियां बरसाईं गईं।
खबर यह भी मिली है कि, कई जगह पत्रकारों को जाने से रोका गया और जिन पत्रकारों ने प्रशासन की बात नहीं मानी तो उनके साथ बदसलूकी की गई। इस सबके बावजूद पत्रकार ही हैं जो जनता की आवाज को भी उठा रहे हैं और जनता को समझाकर प्रशासन की भी मदद कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह भी बनता है कि आखिर इन पत्रकारों को ही किसी भी हिंसा या विरोध प्रदर्शन के दौरान सबसे ज्यादा निशाना क्यों बनाया जाता है।
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