जुबिली न्यूज डेस्क
तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तकरीबन दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन खत्म होता दिखाई दे रहा है। आंदोलन के लिए लगाए गए कई टेंटों को हटाया जाना शुरू कर दिया गया है।
दरअसल, देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किसानों की परेड के दौरान कुछ उपद्रवियों द्वारा लालकिले पर झंडा फहराने और पुलिस के साथ हिंसा के मामले के बाद पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी।
पुलिस ने स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा, पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है।
किसानों की परेड के दौरान मची हिंसा के बाद किसान संगठन भी सकते में हैं। यूपी गेट से कई लंगरों के टेंटों-तंबुओं को हटाना शुरू कर दिया गया है, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है।
सामने आईं तस्वीरों से स्पष्ट हो रहा है कि यूपी गेट में कई दिनों से चल रहे लंगर और लगाए गए टेंट अब गायब होने लगे हैं। धीरे-धीरे करके उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। वहां मौजूद कई किसानों ने भी अपने टेंटों को हटाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही ये किसान अपने गांव वापस लौट सकते हैं।
किसान संगठनों की शीर्ष इकाई संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए बुधवार दोपहर बाद बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
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मोर्चा की बैठक से पहले पंजाब के 32 संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच भी सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। सिंघू बॉर्डर पिछले करीब दो महीने से किसानों के विरोध प्रदर्शन का बड़ा केंद्र रहा है। एक वरिष्ठ किसान नेता ने कहा कि संयुक्त मोर्चा की बैठक बुधवार को तीन बजे होगी और दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा होगी।
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दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए सात किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन एफआईआर में योगेंद्र यादव के अलावा, राकेश टिकैत, जोगिंदर सिंह आदि का भी नाम है।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में बताया, ”किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में एनओसी के उल्लंघन के मामले में दिल्ली पुलिस की एफआईआर में किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम हैं। इसके अलावा, एफआईआर में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है।”