जुबिली स्पेशल डेस्क
देशभर के किसानों में नए कृषि कानून को लेकर गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानून को लेकर पंजाब, हरियाणा और यूपी के हजारों किसान दिल्ली जाना चाहते हैं लेकिन सरकार उन्हें रास्ते में रोकने में लगी हुई है। हालांकि किसान राजधानी के बॉर्डरों पर डेरा जमा चुके हैं।
किसान जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत चाहते हैं। हालांकि किसानों के इतने बड़े प्रदर्शन का असर अब सरकार पर होता दिख रहा है। सरकार टेंशन में और जल्द ही इसका हल चाहती है।
इसका नतीजा यह रहा कि रविवार की रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर किसान आंदोलन पर बड़ी बैठक चल रही है। गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठक में मौजूद हैं।
उधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वे किसानों की सुनें और कृषि कानूनों पर फिर से विचार करें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसान बिल के विरोध में बीते चार दिन से दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर डेरा जमाये हुए हैं। केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ हजारों किसान आंदोलनरत हैं। किसान ‘दिल्?ली चलो’ मार्च निकाल रहे हैं। इस मार्च को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार ने अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं। साथ ही भारी पुलिस बल को भी तैनात कर दिया है।
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कृषि कानून से नाराज किसानो की अहम मांग इन तीनों कानूनों को वापस लेने की है। इनके बारे में उनका दावा है कि ये कानून उनकी फसलों की बिक्री को विनियमन से दूर करते हैं। किसान प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 को भी वापस लेने की मांग कर रहे। उन्हें आशंका है कि इस कानून के बाद उन्हें बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी।