जुबिली न्यूज़ डेस्क
भारतीय राजधानी दिल्ली में मुस्लिम विरोधी हिंसा का विरोध करते हुए, हजारों लोगों ने बांग्लादेशी राजधानी ढाका की सड़क पर मार्च किया। वे भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण रद्द करने की मांग कर रहे थे, जो 17 मार्च को ढाका का दौरा करने वाले हैं।
बता दें कि बांग्लादेशी सरकार ने मोदी को राष्ट्र शेख मुजीबुर रहमान के पिता की 100 वीं जयंती के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है।
बाग्लादेश के गृह मंत्री असद-उज़-ज़मां ख़ान ने कहा है कि मुल्क में सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होने कहा कि भारत की राजधानी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों का बांग्लादेश में कोई असर नहीं होने दिया जाएगा। उनका कहना था कि बांग्लादेश में सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले में पूरी तरह से सतर्क रखा गया है।
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ढाका ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, बांग्लादेशी मंत्री ने कहा कि कुछ लोग भारत में सीएए आने के बाद इसे धर्म से जोड़कर देख रहे हैं जो गलत है।
भारत में जिस तरह सीएए के बाद हिंसा भड़की और खासकर दिल्ली के हालात बिगड़ गए, उससे बांग्लादेश में सीएए भारत का आंतरिक मामला है और इसे लेकर बांग्लादेश में धर्म के नाम पर सियासत करने वाले विरोधियों को मौका मिल गया।
ओबेदुल्ला कादेर ने कहा कि मोदी के स्वागत में उनकी सरकार एक मेगा इवेंट करने जा रही है। बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारत की अहम भूमिका को उनका देश कभी नहीं भूल सकता और मोदी की यात्रा से वह काफी उत्साहित है।
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