जुबिली न्यूज डेस्क
ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। दुनिया के कई देश इसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगा चुके हैं।
इसी कड़ी में सोमवार को जर्मनी ने ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया। जर्मन स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने एक बयान में इसकी घोषणा की है।
जर्मनी के बाद इटली, फ्रांस और स्पेन ने भी ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को रोकने का ऐलान किया है। इन देशों के अलावा कई अन्य यूरोपीय देश भी रक्त के थक्कों की संभावना के कारण इस वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं कर रहे।
जर्मन स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर पांबदी लगाने को लेकर कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक, पॉल एर्लिच इंस्टीट्यूट (पीईआई) की सलाह के आधार पर एक “एहतियात” के रूप में उठाया गया कदम है।
जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री येन्स श्पान के अनुसार वैक्सीन पर पाबंदी का फैसला पीईआई की सलाह के बाद लिया गया है। श्पान ने कहा, ” यह निर्णय पेशेवर है, राजनीतिक नहीं।” उन्होंने कहा कि ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन से रक्त के थक्कों का जोखिम कम है, लेकिन इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि, “आत्मविश्वास के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात पारदर्शिता है।”
जर्मन स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) फिलहाल यह तय करेगी कि “कैसे नई जानकारी ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन के मंजूरी को प्रभावित करेगी” जिसको लेकर एक जांच लंबित है।
मंत्रालय के अनुसार, “जर्मनी और यूरोप में टीकाकरण के बाद दिमाग में खून के थक्के जमने की रिपोर्ट के बाद पीईआई आगे की जांच को आवश्यक मानता है।”
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वहीं इस मामले में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा है कि फ्रांस भी वैक्सीन के इस्तेमाल को निलंबित करेगा। यह निलंबन ईएमए द्वारा समीक्षा तक जारी रहेगा।
हालांकि माक्रों ने यह भी कहा कि निलंबन संक्षिप्त हो सकता है। इस बीच ईएमए ने ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर विशेषज्ञों के निष्कर्षों की समीक्षा करने और यह तय करने के लिए गुरुवार को एक बैठक बुलाई है कि क्या कार्रवाई करने की जरूरत है।
और किन देशों में ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर लगी पाबंदी
जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन के अलावा यूरोप और दुनिया के कई और देश इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं।
पिछले हफ्ते डेनमार्क ने इस वैक्सीन पर रोक लगाई थी जिसके बाद आयरलैंड, बुल्गारिया, और नार्वे ने खून के थक्के बनने को लेकर चिंताएं सामने आने के बाद एहतियात के तौर पर इस टीके पर रोक लगा दी थी।
यह रोक यूरोप तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इंडोनेशिया ने भी इस वैक्सीन के टीकाकरण के लिए इस्तेमाल को आगे बढ़ा दिया है।
वहीं इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी भी कुछ लोगों में रक्त के थक्कों के बारे में चिंता के बावजूद ऐस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उपयोग जारी रखा जा सकता है।
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क्या कहा कंपनी ने
कई यूरोपीय देशों द्वारा ऐस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बाद कंपनी ने कहा है कि उनकी वैक्सीन के कारण खून के थक्के जमने के कोई सबूत नहीं मिला है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हमारी प्राथमिका में सुरक्षा सबसे पहले है। कंपनी अपने वैक्सीन की सुरक्षा पर लगातार नजर बनाए हुए है।”
कंपनी का कहना है, “यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में टीकाकरण कराए गए 1.7 करोड़ से अधिक लोगों के सुरक्षा से संबंधित उपलब्ध सभी आंकड़ों की गहराई से समीक्षा की गई, जिसमें किसी भी आयु वर्ग और लिंग या किसी विशेष देश के निवासियों में खून का थक्का जमने, खून में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी के होने के खतरे का कोई सबूत नहीं मिला है।”