जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एमआईटीएस के प्रोफ़ेसर शिशिर कुमार दीक्षित के घर पर दिन दहाड़े पड़ी डकैती का राज़ खुला तो पुलिस के साथ-साथ प्रोफ़ेसर के घर वाले भी हक्के-बक्के रह गए. हालांकि इस राज़ को खोलने के लिए क्राइम ब्रांच के 71 काबिल पुलिसकर्मियों की टीम ने 24 घंटे जागकर रात दिन काम किया. शहर के विभिन्न स्थानों पर लगी 532 सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की. कई गाड़ियों का पीछा किया और आखिरकार पुलिस डकैती डालने वालों के गरेबान तक पहुँच गई और पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस काण्ड में नौ लोग शामिल थे.
ग्वालियर के पंचशील नगर में रहने वाले प्रोफ़ेसर शिशिर जिस वक्त अपने कालेज में थे. तभी तीन मोटर साइकिलों पर सवार बदमाश उनके घर पहुंचे और घंटी बजाई. प्रोफ़ेसर की पत्नी श्वेता ने दरवाज़ा खोला तो युवकों ने बताया कि प्रोफ़ेसर साहब ने बुलाया है. वह भी पांच मिनट में आ रहे हैं. प्लीज़ दरवाज़ा खोल दीजिये, हम इंतज़ार कर लेंगे, बहर बहुत गर्मी है.
श्वेता ने उन युवकों को ड्राइंगरूम में बिठाया और मोबाइल पर प्रोफ़ेसर साहब को नम्बर मिलाने लगीं. इसी बीच एक बदमाश ने उनके माथे पर कट्टा लगा दिया. वह जब तक कुछ समझ पातीं दूसरे बदमाश ने उनकी बेटी शिवांगी को कवर किया. इसके बाद बदमाशों ने अल्मारी खोलकर उसमें से 60 हज़ार रुपये नगद और लाखों रुपये के जेवरात लूट लिए और फरार हो गए. इस सबमें 15 से 20 मिनट का वक्त लगा.
जाते-जाते बदमाश प्रोफ़ेसर की माँ, उनकी पत्नी और बेटी को कुर्सी से बाँध गए थे. किसी तरह से खुद को खोलकर उनकी पत्नी ने प्रोफ़ेसर शिशिर को फोन किया और शिशिर ने फ़ौरन पुलिस को सूचना दी.
सूचना पाते ही पुलिस काम में जुट गई. पुलिस ने जब बदमाशों को पकड़ा तो पता चला कि इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड प्रोफ़ेसर की गाड़ी ढोने वाला चेतन था. उसे घर के बारे में महीन से महीन जानकारी थी. उसने अपने आठ साथियों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस के हाथ बदमाशों के गरेबान तक पहुंचा दिए.
यह भी पढ़ें : राकेश टिकैत का हमलावर हत्या मामले में सज़ा काट चुका अपराधी है
यह भी पढ़ें : आर्थिक अपराधों पर अंकुश के लिए योगी सरकार उठायेगी यह कदम
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : वक्त के गाल पर हमेशा के लिए रुका एक आंसू है ताजमहल