पॉलीटिकल डेस्क
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बसपा प्रमुख मायावती और अखिलेश के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते। हमारा एक ही मकसद है, बीजेपी को हराना। दरअसल सोमवार को मायावती और अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि उनका कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं है। मायावती ने बड़े सख्त लहजे में यह बात कही थी।
बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आयेदिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें।
— Mayawati (@Mayawati) March 18, 2019
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तीन दिन के लिए गंगा यात्रा पर है। गंगा यात्रा के दौरान उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तीखी प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए कहा कि ‘हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते, हमें किसी के साथ कोई दिक्कत नहीं है। हमारा एक ही मकसद है, यही मकसद उन लोगों का है।’
बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आयेदिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें।
— Mayawati (@Mayawati) March 18, 2019
मालूम हो कि रविवार को कांग्रेस ने एलान किया था कि वह लोकसभा चुनाव में सात सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ये वो सीटें हैं, जहां से बसपा और सपा पार्टी के बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं। इसके जवाब में सोमवार को मायावती ने ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने लिखा था कि ‘बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आयेदिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें।’ ऐसा ही कुछ अखिलेश ने भी ट्वीट किया था।
उत्तर प्रदेश में एस॰पी॰, बी॰एस॰पी॰ और आर॰एल॰डी॰ का गठबंधन भाजपा को हराने में सक्षम है। कांग्रेस पार्टी किसी तरह का कन्फ़्यूज़न ना पैदा करे! https://t.co/ekKcIlbc50
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 18, 2019
क्या था मामला
जनवरी महीने में मायावती और अखिलेश यादव ने कांग्रेस को बाहर रखते हुए अपने गठबंधन का एलान किया था। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी और सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली पर अपने उम्मीदवार न उतारने का एलान किया था। बदले में कांग्रेस ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार न उतारने की घोषणा कर दी। कांग्रेस के इस कदम से यह संकेत गया था कि कांग्रेस अभी भी सपा-बसपा के साथ है।