जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज उत्तर प्रदेश में 125 प्रत्याशियों की सूची जारी की। सूची में सबसे खास बात यह रही कि इनमें से 50 प्रत्याशी महिला हैं। और इसमें सबसे खास बात यह है कि इन महिला प्रत्याशियों में कई ऐसी महिलाएं है जो कोई नेता नहीं बल्कि एक आम औरत है।
इन महिलाओं को टिकट इसलिए मिला है क्योंकि इन्होंने संघर्ष किया है। यह संघर्ष उन्होंने अपनों से या अपने रिश्तेदारों से नहीं बल्कि सत्ता से किया है।
प्रियंका गांधी आज लखनऊ में जब प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर रही थी तो साथ में उनका परिचय भी दे रही है। वह बता रहीं थी कि उन्होंने आखिर क्यों इन लोगों को टिकट दिया है।
दरअसल प्रियंका राजनीति का एक नया ट्रेंड स्थापित करती दिख रही हैं। वह एक तीर से कई निशाने साध रही हैं। एक ओर वह इससे महिलाओं में पैठ बनाने की कोशिश कर रही हैें तो दूसरे वह इनके सहारे सरकार की नाकामियों को भी गिना रही हैं।
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में मृत अवस्था में पहुंच चुकी कांग्रेस को संजीवनी देने के लिए महिलाओं पर फोकस किया है। यूपी में उनका राजनीतिक कैंपेन महिला सशक्तिकरण पर ही केंद्रित है।
पिछले महीने 8 दिसंबर को कांग्रेस के घोषणा पत्र को जारी करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “हमने महिला घोषणापत्र को 6 हस्सों में बांटा है, स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि राजनीति में हम 40 फीसदी हिस्सेदारी से शुरू कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि ये एक दिन 50 फीसदी बने।
कांग्रेस के घोषणा पत्र और महिलाओं को इतनी भारी संख्या में टिकट देने से समझा जा सकता है कि प्रियंका की राजनीति किस दिशा में जा रही है। यदि यह कहें कि प्रियंका की राजनीति जेंडर आधारित है तो गलत नहीं होगा।
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प्रियंका की यह राजनीति कितना रंग लायेगी यह तो आने वाला वक्त बतायेगा लेकिन इतना तो तय है कि वह जो कुछ करती हैं या कहती हैं उस पर चर्चा जरूर होती हैं। आज जब प्रियंका गांधी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही थीं तो एक बार उनकी राजनीति पर चर्चा शुरु हो गई।
प्रियंका की राजनीति उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को संजीवनी दे पायेगी के सवाल पर वरिष्ठï राजनीतिक पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं-प्रियंका राजनीति की एक नई इबारत लिख रही है। यूपी की राजनीति जाति-धर्म पर केंद्रित है लेकिन प्रियंका इससे इतर महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है। वह महिलाओं के सम्मान, स्वाभिमान, शिक्षा और सेहत की बात कर रही हैं। लेकिन इसके साथ में वह इन महिलाओं के सहारे सत्तासीन सरकार की कमियां भी गिना रही हैं।
वहीं इस मामले में वरिष्ठï पत्रकार सुशील वर्मा कहते हैं-प्रियंका गांधी यूपी में जो राजनीति कर रही है वह वर्तमान राजनीति की धारा से बिल्कुल जुदा है। लेकिन आप इसे हल्के में नहीं ले सकते। अलग है। भले ही यूपी में अभी भी हिंदू-मुस्लिम, जाति-धर्म की राजनीति हावी है लेकिन प्रियंका जिसके सम्मान, स्वाभिमान और सेहत की बात कर रही हैं वह राजनीति की मुख्य धारा में नहीं है।
वह कहते हैं, भले ही इस चुनाव में प्रियंका गांधी कुछ खास न कर पाये लेकिन आने वाले समय में कांग्रेस की जमीन जरूर मजबूत होगी यदि वह इसी पर फोकस रहीं तो। प्रियंका ने जिन कुछ महिलाओं को टिकट दिया है उनके सहारे उन्होंने सरकार की नाकामी को भी दिखाने की कोशिश की है।
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सुशील वर्मा उन्नाव पीडि़ता की मां को टिकट दिया गया है। हम सब जानते हैं कि उन्नाव पीडि़ता के साथ गलत किसने किया। योगी सरकार का उनके साथ रवैया कैसा रहा। ऐसा ही कुछ और प्रत्याशियों के साथ है जिन्होंने सत्ता से लड़ाई लड़ी हैं। दरअसल प्रियंका ने एक तीर से कई निशाना साधा है।