Tuesday - 29 October 2024 - 9:21 AM

ख़ुश्बू की तरह फ़ैल रहा प्रियंका गांधी का नारीवाद

नवेद शिकोह

2022 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़कियों की भागीदारी का एक ऐसा चिराग बन गया है जिससे हजारों चिराग रोशन होकर सियासत को नई रोशनी दे सकते हैं।

अतीत खंगालिए तो पहली बार महिला उम्मीदवारों की इतनी बड़ी तादाद ने एक रिकार्ड कायम किया है, शायद भविष्य में ऐसे रिकार्ड तोड़ने की होड़ लग जाए।

जब कांग्रेस ने चालिस प्रतिशत सीटों पर लड़कियों को टिकट दिया तो अन्य दलों ने भी न सिर्फ पहले की अपेक्षा इस बार महिला उम्मीदवार ज्यादा उतारे बल्कि हर तरह से लड़कियों को एहमियत देना शुरू कर दी।

दलों ने टिकट ही नहीं दिए बहुत भाजपा ने तो आदर-सम्मान और भव्यता के साथ नवोदित लड़कियों/महिलाओं को ऐसे पार्टी ज्वाइन करवाई जैसे कि पार्टी छोड़कर आए दिग्गज वरिष्ठ नेताओं की ज्वाइनिंग होती है।

धर्मवाद और जातिवाद की बदनाम राह पर स्पीड ब्रेकर लगाकर यूपी की सियासत को महिलावाद या नारीवाद की नई दिशा पर लाने की पहल रंग लाने लगी है। माना जा रहा है कि महिलाओं को आगे बढ़ाने या विकास को सर्वोपरि मानने वाली ऐसी सकारात्मक राह ही धार्मिक ध्रुवीकरण और जातिवाद की गंदी सियासत के रास्तों को रोक सकती है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की इस कोशिश का दरख़्त उनकी आंगन से ज्यादा दूसरों की ड्योढ़ी को अधिक साया दे रहा है।“लड़की हूं लड़ सकती हूं”। नारे के साथ ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को सियासी भागीदारी देने वाली यूपी कांग्रेस ने जिस ग़ैर सियासी लड़कियों के भी गले में कांग्रेस का पट्टा डाल दिया या उनका पोस्टर छाप दिया बस समझ लीजिए कि उन लड़कियों की सियासी ब्रांड वैल्यू बन गई। कांग्रेस में कदम रखने के कुछ ही दिनों बाद राजनीति में नवोदित ऐसी लड़कियों को मौजूदा वक्त में देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा में पूरे सम्मान और जोर-ओ-शोर के साथ पार्टी ज्वाइन करवाई गई।

कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन करने वाली ऐसी लड़कियां बड़ी-बड़ी सुर्खियों में नजर आईं। यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी कहती हैं कि उनका मकसद ही यही था कि न सिर्फ कांग्रेस में बल्कि हर राजनीतिक दल में लड़कियों/महिलाओं को जगह मिले और उनकी सियासी हिस्सेदारी पुरुषों से कम न हों।

लड़कियां चुनाव लड़ें और जीतें, नहीं भी जीतें तब भी लड़ाई में शामिल होकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराएं। जनसेवा वाली सकारात्मक सियासत में प्रवेश करें, सीखें। राजनीति दलों के संगठनों से जुड़े और तजुर्बे़ हासिल करें। सांसद/विधायक, मंत्री बने। सियासी तकात साथ हो तो महिला महिलाओं के हक की लड़ाई बखूबी लड़ सकती है।

प्रियंका को इस बात की भी खुशी हैं कि कांग्रेस ने यूपी में सत्ता में आने पर लड़कियों को स्कूटी देने का वादा किया तो इसके कुछ दिनों बाद भाजपा ने भी इस वादे को अपने संकल्प पत्र में प्रमुखता से रखा।

लड़कियों को सियासी हिस्सेदारी देने की पहल के बाद भाजपा, सपा और बसपा ने भी इस बेहतर कदम को अपनाते हुए अपनी- अपनी पार्टी में क्रमशः अपर्णा यादव,सुभावती शुक्ला, पूजा शुक्ला, सीमा कुशवाहा, शादाब फातिमा.. इत्यादि को एहमियत दी।

यूपी कांग्रेस के नारीवाद की खुश्बू अब जब कुछ-कुछ दूसरों दलों में भी महकने लगी है तो लग रहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने मकसद का पहला पड़ाव पार कर लिया है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com