न्यूज डेस्क
कुछ भारतीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कराने के व्हाट्सएप के खुलासे के बाद भारत में संग्राम छिड़ा हुआ है।
व्हाट्सएप के खुलासे के बाद अब इस मामले में राजनीतिक दल भी सामने आ गए हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने 3 नवंबर को दावा किया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को व्हाट्सएप से एक संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उनका फोन हैक होने की आशंका है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग एप व्हाट्सएप से उन सभी लोगों को संदेश भेजे गए जिनके फोन हैक हुए थे। ऐसा ही एक संदेश प्रियंका गांधी वाड्रा को भी मिला था। हालांकि उन्होंने नहीं बताया कि यह संदेश कब प्राप्त हुआ था।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने व्हाट्सएप से एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संदेश मिलने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी लगभग उसी वक्त व्हाट्सएप से इसी तरह का एक संदेश प्राप्त हुआ था।’
पत्रकारों से बातचीत में सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), ये नेशनल इंटरनेट बैकबोन पर चलता है, जो वीएसएनएल व बीएसएनएल चलाती है, वहां भी ये पेगासस स्पाईवेयर पाया गया है। अगर ऐसा है, तो देश की सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद से लेकर देश की प्रांतीय सरकार तक, कुछ भी बचा नहीं है।’
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने, ‘यह साफ है कि भारत सरकार को अप्रैल-मई 2019 मे इस टेलीफोन हैक की जानकारी थी, ये उस समय हो रहा था जब देश मे संसद के चुनाव हो रहे थे। सितंबर 2019 के पहले हफ्ते मे फिर व्हाट्सएप ने लिखित मे ये जानकारी दी परंतु मोदी सरकार पूर्णतया चुप्पी साधे रही।’
Layers of BJP Govt’s conspiracy & collusion in the illegal & unconstitutional hacking of cell phones through surveillance software ‘Pegasus’ are unraveling everyday.
BJP Govt is the deployer & executor of this illegal & unconstitutional snooping & spying racket.
Our Statement: pic.twitter.com/p5qbffgayC
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 3, 2019
गौरतलब है कि व्हाट्सएप ने मई के अलावा सितंबर में भी 121 भारतीयों पर स्पाइवेयर हमले के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी थी। हालांकि इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसे व्हाट्सएप से जो सूचना मिली थी वह अपर्याप्त और अधूरी थी।
मालूम हो कि भारत सरकार द्वारा पिछले सप्ताह पेगासस स्पाइवेयर घटना पर मांगे गए स्पष्टीकरण पर व्हाट्सएप ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। इजरायली स्पाइवेयर के जरिए कथित रूप से भारत सहित दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई थी।
वहीं आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि उन्हें व्हाट्सएप से जवाब मिल गया है और अभी उसका अध्ययन किया जा रहा है। इस पर जल्द अंतिम राय तय की जाएगी।
बताते चले कि व्हाट्सएप ने 29 अक्टूबर को कहा था कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयों ने दुनियाभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की। इनमें भारतीय पत्रकार और कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
बड़ा स्कैंडल है व्हाट्सएप जासूसी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी 30 अक्टूबर को इस मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर ऐसा किया गया है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं के फोन की जासूसी करने के लिए इजरायली एजेंसियों को लगाया है तो यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन और बड़ा स्कैंडल है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर होगा।’ साथ ही प्रियंका ने कहा कि सरकार के जवाब का इंतजार है।
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