न्यूज डेस्क
दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा पर बुधवार को सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर का देर रात ट्रांसफर कर दिया गया है। इसको लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जज के तबादले पर केंद्र सरकार को घेरते हुए हैरानी जताई है। प्रियंका गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि आधी रात में जस्टिस मुरलीधर का तबादले से हैरानी हुई। सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है। बता दें कि जस्टिस मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया है।
The midnight transfer of Justice Muralidhar isn’t shocking given the current dispensation, but it is certianly sad & shameful.
Millions of Indians have faith in a resilient & upright judiciary, the government’s attempts to muzzle justice & break their faith are deplorable. pic.twitter.com/KKt4IeAMyv
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 27, 2020
कांग्रेस की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवालों का केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कोलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी। इसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद तबादला आदेश जारी हुआ।
By politicising a routine transfer, Congress has yet again displayed its scant regard for the judiciary. People of India have rejected Congress Party and hence it is hell bent on destroying the very institutions India cherishes by constantly attacking them.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘जस्टिस एसय मुरलीधर का तबादला भारत के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की 12 फरवरी की सिफारिश के अनुसार किया गया था। जज का ट्रांसफर करते समय जज की सहमति ली जाती है। अच्छी तरह से तय प्रक्रिया का पालन किया गया है।’
गौरतलब है कि केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बतौर जज पद संभालने का निर्देश दिया है।
नागरिकता संशोधन के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में घायलों को सुरक्षा और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई हुई थी।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए।
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