Friday - 25 October 2024 - 7:55 PM

क्‍या प्रियंका दे रहीं हैं कांग्रेस में बड़ें बदलाव के संकेत

जुबिली न्यूज़ डेस्क

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में दमदार तरीके से स्थापित करने के अभियान में लगीं पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव अब राष्‍ट्रीय राजनीति और केंद्रीय संगठन में भी सक्रिय हो गई हैं। गुटबाजी और कमजोर संगठन की समस्‍या से जुझ रही कांग्रेस को वापस सत्‍ता की शिखर पर पहुंचाने के लिए प्रियंका गांधी पार्टी की नई संकटमोचक बनकर उभरी हैं।

बात चाहे किसानों के मुद्दे पर आवाज बुलंद करने की हो या फिर यूपी में खराब कानून व्‍यवस्‍था पर सरकार को घेरने की प्रियंका हर मोर्चे पर आगे रहती हैं। इतना ही नहीं 28 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के स्‍थापना दिवस के मौके पर राहुल गांधी के गैर मौजूदगी के अवसर पर जब चारों तरफ कांग्रेस की आलोचना हो रही थी तब प्रियंका ने कमान संभालकर कर सबका मुहं बंद कर दिया।

गौरतलब है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष का चुनाव होना है। राहुल गांधी एक बार फिर अध्‍यक्ष पद पर बैठने को राजी नहीं हैं। वहीं सोनिया गांधी अपनी उम्र और बीमारी के वजह से अध्‍यक्ष पद छोड़ना चाहती हैं। ऐसे में प्रियंका की सक्रियता इस बात का इशारा कर रही है कि संभव उन्‍हें पार्टी का अगला अध्‍यक्ष बनाया जा सकता है। पार्टी के कार्यकर्ता लंबे समय से उन्‍हें अध्‍यक्ष बनाए जाने की मांग भी करते रहे हैं।

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दरअसल, कांग्रेस पार्टी का कल यानी 28 दिसंबर को स्थापना दिवस दिवस था, लेकिन पार्टी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी देश से बाहर चले गए। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, वह अपनी नानी का हाल जानने के लिए भारत से बाहर गए हैं। इसको लेकर विरोधियों ने जमकर उनपर निशाना साधा। पार्टी की तरफ से सफाई भी दी गई। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं था जब भारत में यह चर्चा का विषय बना हो। अपने भाई पर हो रहे चौतरफा जुबानी हमले के बीच प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला और पार्टी के लिए संकटमोचक भी भूमिका में आ खड़ी हुईं।

राहुल गांधी की अनुपस्थिति में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगे आईं और पार्टी मामलों की जिम्मेदारी ले रही हैं। सोमवार को कांग्रेस का 136वां स्थापना दिवस समारोह था। इसमें न तो राहुल गांधी शामिल हुए और न ही खराब सेहत के कारण राहुल गांधी। ऐसे समय में प्रियंका ने मोर्चा संभाला और कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने न केवल कार्यक्रम में भाग लिया, बल्कि किसानों के मुद्दे पर मीडिया को सवालों का जवाब भी दिया।

Why Priyanka Gandhi Vadra should be the next Congress president

इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने केंद्र सरकार पर हमला किया और कहा, “किसानों के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका इस्तेमाल करना पाप है। सरकार किसानों के लिए जवाबदेह है। सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए।”

कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत भी की। नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी उनसे जुड़ाव महसूस किया। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि जब प्रियंका गांधी को पार्टी मुख्यालय के मुख्य बरामदे में ले जाया गया, तो उन्होंने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया और सेवा दल की महिला कार्यकर्ताओं से बात की और सेल्फी भी ली।

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वहां मौजूद एक कार्यकर्ता ने कहा, “कार्यक्रम के बाद जब वह जा रहीं थी, तब महाराष्ट्र के एक प्रमुख नेता ने कुछ चर्चा के लिए उससे संपर्क किया। प्रियंका ने उसकी बात सुनी और बाद में विस्तृत चर्चा के लिए मिलने को कहा। इसके बाद उत्तर प्रदेश के एक अन्य AICC सचिव ने उससे संपर्क किया।” राहुल गांधी और सोनिया गांधी की अनुपस्थिति से निराश पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच प्रियंका गांधी का तौर-तरीका चर्चा का विषय बन गएया।

Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra to skip rally in Mumbai

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि राजस्थान में सियासी संकट को उबारने में प्रियंका गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी, जब सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया था। पार्टी सूत्र ने कहा, “भले ही सोनिया गांधी ने केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन को एआईसीसी से संकट प्रबंधक के रूप में जयपुर भेजा था, प्रियंका गांधी व्यक्तिगत स्तर पर सचिन पायलट से संपर्क किया। उन्होंने असंतुष्ट नेताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच जमी बर्फ को तोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”

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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में मुलाकात की और उनसे असंतुष्ट नेताओं से मिलने का आग्रह किया। प्रियंका गांधी ने कदम बढ़ाया और सोनिया गांधी को नेताओं से मिलने के लिए राजी किया। उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं से व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया।

SPG cover for Sonia Gandhi, Rahul and Priyanka withdrawn, CRPF to move in - india news - Hindustan Times

सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी ने 19 दिसंबर को सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी की आंतरिक बैठक में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई। पार्टी के ही एक नेता ने कहा, “उन्होंने असंतुष्ट नेताओं को शांत किया और उनसे पार्टी को मजबूत करने के लिए एक साथ काम करने का आग्रह किया।” प्रियंका गांधी हाल के दिनों में किसानों के मुद्दे पर धरने पर बैठ गईं और उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद, उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ लंबी बैठक की।

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