जुबिली न्यूज डेस्क
बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में 10 व 11 अगस्त 2017 की रात 60 से अधिक बच्चों की मौत के बाद से चर्चा डॉ. कफील चर्चा में है।
ऑक्सीजन कांड में बच्चों की मौत के लिए डॉ. कफील भी जिम्मेदार माने गए थे जिसकी वजह से उन्हें कुछ दिनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। जेल से छूटने के बाद से उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिसके बाद वह फिर जेल गए। फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए गए कफील कुछ दिनों पहले ही हाईकोर्ट की दखल के बाद सात माह बाद जेल से बाहर आए हैं।
सोमवार को डॉ. कफील ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। प्रियंका गांधी से उनकी मुलाकात के सियासी मायने ढूढ़े जा रहे हैं।
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डॉ. कफील की रिहाई के लिए यूपी कांग्रेस ने एक बड़ा अभियान चलाया था। पूरे प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान, विरोध प्रदर्शन और पत्र लिखकर कांग्रेसियों ने उनकी रिहाई के लिए आवाज बुलंद की थी। कफील की रिहाई के बाद उन्हें और उनके परिवार को जयपुर के एक रिजॉर्ट में कांग्रेस की ओर से ठहराया भी गया था।
ऐसा कहा जा रहा है कि डॉ. कफील ने समर्थन के लिए प्रियंका गांधी से मुलाकात की है और उनका धन्यवाद किया है। कफील के साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी प्रियंका गांधी से मिले।
इस बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अजय कुमार लल्लू और पार्टी के राज्य अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख शाहनवाज आलम भी उपस्थित थे।
कफील की प्रियंका से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में सक्रिय होंगे। हालांकि उन्होंने इन संभावनाओं से इनकार कर दिया है। पर राजनीति विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से कफील योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं उस हालात में बिना किसी राजनीतिक सपोर्ट के वह मुकाबला नहीं कर पायेंगे।
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं कि जब से डॉ. कफील योगी सरकार के निशाने पर आए हैं कांग्रेस उन पर नजर बनाए हुए हैं। कुछ महीने पहले कांग्रेस ने उनकी रिहाई के लिए खूब मेहनत की थी। प्रियंका गांधी भी कफील के समर्थन में योगी सरकार पर निशाना साधी थी। यह सबकुछ ऐसे ही नहीं है।
वह कहते हैं 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस पूरी कोशिश करेगी उन्हें अपने साथ लाने की। कफील के बहाने कांग्रेस योगी के गढ़ में निशाना साधेगी। कफील के कांग्रेस में शामिल होने के रहस्य से पर्दा 2021 में उठेगा।
कफील को पिछले साल सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तारी के उपरांत मथुरा जेल में रखा गया था।
यूएन में किया योगी सरकार के खिलाफ शिकायत
डॉ. कफील खान ने योगी सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) को एक पत्र लिखकर भारत में अंतरराष्ट्रीय मानव सुरक्षा मानकों के व्यापक उल्लंघन और असहमति की आवाज को दबाने के लिए एनएसए और यूएपीए जैसे सख्त कानूनों के दुरुपयोग करने की बात लिखी।
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