जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा निजी दौरे पर प्रयागराज स्तिथ अपने पैतृक निवास स्वराज भवन पहुंचीं। प्रियंका के साथ उनके दोनों बच्चे भी थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि प्रियंका गांधी ने गंगा में आस्था को डुबकी लगाई। उन्होंने नाव चलाने का भी लुत्फ़ लिया। उन्होंने स्नान के बाद पूजा अर्चना की।
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प्रयागराज में माघ मेले के तीसरे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर संगम तट पर पहुंचकर नाव से उस पार गईं और संगम में डुबकी लगाई और पूजन किया। प्रियंका गांधी वाड्रा खुद ही नाव चलाते हुए घाट पर पहुंचीं और नाविक को दो हजार रुपये भी दिए।
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इस बीच भीड़ में से सीमा सिंह निवासी नैनी ने जब आवाज दी तो प्रियंका सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए उसके पास पहुंच गईं और बातचीत करते हुए उसे अपने साथ अपनी गाड़ी तक ले आईं। यह लड़की बीटीसी कर रही है। उन्होंने संगम पर समय बिताने के बाद दोपहर का भोजन भी यहीं मनकामेश्वर मंदिर में किया।
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प्रियंका शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से भी मिलीं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने प्रियंका से मिलकर कहा कि संगम में डुबकी लगाकर प्रियंका ने बाजी मार ली, मोदी-भागवत नहीं आए।
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बता दें कि प्रियंका गांधी सुबह 11:40 बजे स्वराज भवन पहुंचीं। वहां कांग्रेस के नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। गेट पर भारी भीड़ को देखते हुए आनंद भवन के गेट को खोल दिया गया। कार्यकर्ता भी भीतर घुस गए थे, जिन्हें बाद में रोका गया।
स्वराज भवन पहुंचकर प्रियंका ने अपने परदादा और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के अस्थिस्थल पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। इसके बाद वो अनाथ बच्चों से मिलीं और उनसे बात की।
प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां आकर बहुत खुशी हुई क्योंकि शंकराचार्य जी और हमारे परिवार के बीच बहुत पुराना रिश्ता है। मैं हमेशा उनके संपर्क में रहती हूं और आज उनसे मिलने का मौका मिला, इसलिए बहुत खुशी हुई। इस बीच मौनी अमावस्या स्नान पर जिला प्रशासन ने हेलीकाप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की। इस बारे में पूछे जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मैंने नहीं देखी’।
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