जुबिली ब्यूरो
बीते कुछ दिनों से प्रियंका गांधी का रुख यूपी की सियासी फिज़ाओ में चर्चा की वजह बना हुआ है । सोनभद्र से शुरू हुए प्रियंका गांधी के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। बसपा की चुप्पी और समाजवादी पार्टी के ढीले रुख ने यूपी की योगी सरकार के खिलाफ फिलहाल कांग्रेस को ही विपक्ष माना जाने लगा है ।
कांग्रेस को जनता से जोड़ने के लिए प्रियंका ने नए साल पर एक नई रणनीति अख्तियार की है । नए साल के मौके पर प्रियंका गांधी लाखों चिट्ठियों के जरिये लोगों से सम्पर्क साध रही हैं, प्रदेश के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, ग्राम प्रधानों, जिला पंचायत सदस्यों, पत्रकारों, लेखकों, महिलानेत्रियों, छात्र नेताओं, कर्मचारियों, कवि और पार्टी के पदाधिकारियों को खत के जरिये वे नए साल की मुबारकबाद भेज रही हैं, नए साल की इस ग्रीटिंग की खास बात ये है कि इसके एक तरफ भारतीय संविधान की प्रस्तावना को छापा गया है और दूसरी तरफ नए साल का बधाई संदेश छापा गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस का प्रभार सम्हालने के बाद से ही प्रियंका गांधी लगातार लोगों से जुड़ने के लिए संवाद स्थापित कर रही हैं। नए साल पर गांव गांव और शहर-शहर प्रियंका गांधी की पाती पहुंच रही है। प्रियंका की पाती का असर कांग्रेस के उन पुराने कार्यकर्ताओं पर ही हो रहा है जो लंबे समय से दिशाहीन रहे हैं।
प्रियंका गांधी का उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनने के बाद कांग्रेस पार्टी ना सिर्फ सड़कों पर दिखने लगी है बल्कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी प्रियंका गांधी का मैजिक साफ साफ दिखा। 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत बढ़कर दोगुना हो गया।
ये पाती संघर्षशील सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवा नेताओं व वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को भी नए साल पर बधाई पत्र के रूप में मिल रही है।
उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने के बाद प्रियंका गांधी लगातार आम लोगों से मिल रही हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही साथ वे कमर्चारी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी जमीनी हकीकत पर राय मशविरा ले रहीं हैं।