न्यूज डेस्क
दिल्ली चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर प्रियंका गांधी मिशन यूपी के एजेंडे पर हैं। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मिशन 2022 की कमान खुद संभाल रखी है। यूपी में कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद से ही प्रियंका पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक सहेजने में जुटी हैं।
माना जाता है कि पार्टी का दलित वोटर बसपा में चला गया है। मुस्लिम समाजवादी पार्टी के साथ हैं। ब्राह्मण बीजेपी के हो गए हैं। ऐसे में कांग्रेस यूपी में बेहद कमजोर हो गई है। वो अब चौथे नंबर की पार्टी भर रह गई है। लोकसभा के चुनाव में तो कांग्रेस अमेठी का किला तक नहीं बचा पाई। राहुल गांधी यहां से चुनाव हार गए।
उत्तर प्रदेश में प्रियंका के दौरों में दलित-मुस्लिम वोटर्स को साधने का असर साफ़ दिखता है। एजेंडे को सफल बनाया जा सके, इसके लिए कांग्रेस ने मुस्लिम और दलित एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है।
चाहे बात नागरिकता कानून की हो या फिर आरक्षण के मुद्दे की हो प्रियंका गांधी की टीम सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हमेशा एक्टिव रहती है। प्रियंका गांधी सीएए आंदोलन में घायल पीड़ितों से मिलने गई तो संतरविदास मंदिर गई और मत्था भी टेका।
सीएए पर मुखर रही कांग्रेस अब समतामूलक समाज बनाने की बात भी कर रही है। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी के आरक्षण को कमजोर किए जाने को लेकर पूरे देश में सियासत गर्म है। इसको लेकर आज यूपी कांग्रेस ने आरक्षण बचाओ मार्च निकाला।
इस दौरान कांग्रेस यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लखनऊ में पद यात्रा की। इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने दलितों-पिछड़ों क़े आरक्षण को समाप्त कर दिया हैं। बाबा साहब अम्बेडकर ने संविधान में दलितों-पिछड़ों क़े लिए आरक्षण का प्रावधान किया था। यह लड़ाई जारी रहेगी।
भाजपा सरकार ने दलितों-पिछड़ों क़े आरक्षण को समाप्त कर दिया हैं। बाबा साहब अम्बेडकर ने संविधान में दलितों-पिछड़ों क़े लिए आरक्षण का प्रावधान किया था।
आज उसी आरक्षण व संविधान को बचाने क़े लिए भाजपा सरकार क़े खिलाफ कॉंग्रेस पार्टी ने परिवर्तन चौक से हजरतगंज स्थित… 1/1 pic.twitter.com/VFauvLelst
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) February 16, 2020
गौरतलब है कि यूपी की सत्ता में वापसी के लिए प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की नई टीम दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण वोट बैंक को साधने में लगा है। पहले भी ये कांग्रेस का वोट बैंक हुआ करता था लेकिन मंडल और कमंडल की सक्रियता बढ़ने के बाद कांग्रेस का परंपरागत वोटर चला गया।
मुस्लिम समाजवादी पार्टी की तरफ गया वहीं दलित बहुजन समाज पार्टी के साथ और ब्राह्मण वोट बैंक राजनीति को बैलेंस करता रहा। मोदी इम्पैक्ट ने राजनीतिक-सामाजिक समीकरण को ध्वस्त कर दिया। केंद्र और राज्य में दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाई।
कांग्रेस की टीम इसी पर काम कर रही है कि कैसे उनके परंपरागत वोटर वापस आएं। यही कारण है कि मुस्लिम वोटों के समीकरण को ठीक करने के लिए कांग्रेस अब समाजवादी पार्टी पर भी हमलावर नजर आ रही है, जिसका ताजा उदाहरण अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में प्रियंका गांधी का दौरा है।