न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है। प्रियंका ने यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मजबूती से मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है।
प्रियंका गांधी ने इन तैयारियों को रफ्तार देने के लिए दिल्ली में हर सप्ताह यूपी के पार्टी कार्यकर्ताओं से दो दिन मिलने का फैसला किया है। यूपी में कार्यकर्ता एक तरफ जहां प्रियंका को सीएम का चेहरा बनाने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रियंका ने संगठन को फिर खड़ा करने के लिए सप्ताह में दो दिन पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने का फैसला किया है।
पार्टी में पूर्वी उत्तर प्रदेश की इंचार्ज प्रियंका दिल्ली में हर मंगलवार और गुरुवार को दस बजे से एक बजे तक पार्टी के आम कार्यकर्ताओं से मिलेंगी। इसके साथ ही प्रियंका जमीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क के लिए यूपी का दौरा भी करेंगी। प्रियंका के कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि प्रियंका यूपी में संगठन का जायजा लेंगी और इस बात का पता लगाएंगी कि कमजोरी कहां पर है।
इसके अलावा यूपी में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस पार्टी के संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के सभी जिला और शहर अध्यक्षों पर गाज गिर सकती है। सूत्रों की मानें तो रायबरेली में हुई समीक्षा बैठक में प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसके संकेत भी दे दिए। प्रियंका अब दिल्ली और लखनऊ दोनों जगह संगठन को लेकर बैठक करेंगी। जल्द ही फेरबदल की कवायद शुरू होगी।
सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रियंका इस वक्त अपने संगठन को पूरी तरह से चुस्त-दुरस्त करने में लगी है। कांग्रेस में बड़े पदों पर बैठकर काम नहीं करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। उनको उस पद से हटा करके दूसरे कार्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा पदों पर बैठे लोगों ने जो काम नहीं किया उन पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। प्रियंका गांधी प्रदेश भर के नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रही हैं। ये सारी तैयारी 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए की जा रही है।
बता दें कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का जिम्मा संभालने के बाद प्रियंका ने लोकसभा चुनावों के दौरान यूपी का दौरा किया था। खास कर रायबरेली और अमेठी में उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन कांग्रेस रायबरेली को छोड़ कर एक भी सीट नहीं जीत पाई। यहां तक कि राहुल गांधी भी अमेठी सीट नहीं बचा पाए। यहां बीजेपी की स्मृति ईरानी ने वहां हरा दिया।
यूपी में लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस की बुरी हार के बाद प्रियंका की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं। उन पर आने वाले उपचुनावों और 2022 में पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी है। कांग्रेस को इस चुनाव में देश भर में सिर्फ 52 सीटें मिली हैं।