न्यूज़ डेस्क।
भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश होने का गौरव मिला हुआ है। ऐसा माना जाता है कि, भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की जितनी आजादी है उतनी आजादी एशिया ही नही बल्कि यूरोप के देशों में भी नही है। लेकिन क्या सच में हम इतने लोकतान्त्रिक और आजाद ख्याल के हैं या यह सिर्फ एक मुगालता है।
दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अक्सर ऐसी ख़बरें आती रहती हैं कि फलां पत्रकार से फलानी पार्टी के नेता ने अभद्रता की। यह नेताओं का जो व्यवहार है वो किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है। हर पार्टी के नेता इस तरह के व्यवहार के लिए तैयार रहते हैं बस कोई उनसे थोड़ा तीखा सवाल मात्र कर दे।
सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसी घटनाएं होती हैं तो दूसरे दल के नेता हाय तौबा करने पर उतारूं हो जाते हैं वहीं जब खुद की पार्टी की बात होती है तो उस पर पार्टी के मुखिया से लेकर सभी जिम्मेदार पदाधिकारी चुप्पी साध लेते हैं और अभद्रता करने वाले कार्यकर्ता के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने की बजाय ऐसे कार्यकर्ता को देर सवेर बड़ा पद या जिम्मेदारी देकर सम्मान भी दिया जाता है।
यह सब हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एकबार फिर सोनभद्र दौरे पर थी। इस दौरान उनके सामने एक टीवी चैनल के पत्रकार से बदसलूकी हुई और वह पूरे मामले पर एकदम चुप रहीं। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद प्रियंका गांधी वहां मौन खड़ी रहीं।
यहां देखें घटना का वीडियो
ठोक कर यहीं बजा दूँगा, मारूँगा तो ज़मीन पर गिर जाओगे, जब #Article370 पर कांग्रेस नेता @priyankagandhi से @ABPNews रिपोर्टर नीतीश पांडे ने सवाल पूछा तो उन्हें, धक्का दिया गया पटक कर मारने की धमकी दी गयी। ऐसे मीडिया की आज़ादी की बात होगी ? धारा 370 पर सवाल क्यों चुभ रहा है ? pic.twitter.com/PyClPVzb9f
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) August 13, 2019
यह वही प्रियंका गांधी हैं जो मौजूदा सरकार पर लोगों की आवाज को दबाने का आरोप लगाती हैं। इनकी पार्टी कहती है कि पीएम मोदी पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं देते। किसी भी बड़े मुद्दे पर अपनी राय सामने नहीं रखते।
जनता और मीडिया के सवालों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाने वाली पार्टी की महासचिव इस पूरे प्रकरण पर जिस तरह चुप्पी साधे रही उससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने पीएम मोदी से कुछ सीखा हो या ना सीखा हो लेकिन चुप रहने का हुनर तो जरुर सीख लिया है।
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