जुबिली न्यूज डेस्क
लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा हो रही है. इस चर्चा में कांग्रेस की ओर से हिस्सा लेते हुए प्रियंका गांधी ने संसद में अपना पहला स्पीच भी दिया. उन्होंने कहा, हमारे देश में संवाद और चर्चा की परंपरा रही है. ये गौरवशाली परंपरा है. दर्शन ग्रंथों, वेदों में भी ये परंपरा दिखती है. इस्लाम, सूफियों, जैन, बौद्ध धर्म में भी इसकी संस्कृति रही है. इसी परंपरा से उभरा हमारा स्वतंत्रता संग्राम.
प्रियंका गांधी ने कहा, हमारा स्वतंत्रता संग्राम अनोखा संग्राम था. अनोखी लड़ाई थी जो अहिंसा पर आधारित थी. ये जो लड़ाई थी, ये बेहद लोकतांत्रिक लड़ाई थी. इसमें देश के जवान, किसान, अधिवक्ता चाहें किसी भी धर्म, जाति के थे सब इसमें शामिल हुए. सबने आजादी की लड़ाई लड़ी. उसी लड़ाई से एक आवाज उभरी जो हमारे देश की आवाज थी. वही आवाज आज हमारा संविधान है. साहस की आवाज थी.
आरक्षण, संविधान को लेकर साधा निशाना
प्रियंका गांधी ने कहा, सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है. लोकसभा में ये नतीजे नहीं आते तो ये संविधान बदलने का काम भी शुरू कर देते. इस चुनाव में इन्हें पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखती है. हारते हारते जीतने के बाद इन्हें अहसास हुआ कि ये बात देश में नहीं चलेगी.
प्रियंका ने कहा, जाति जनगणना जरूरी है, जिससे पता चले कि किसकी क्या संख्या है. नीतियां उस हिसाब से बने. प्रियंका गांधी ने बिना नाम लिए पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, जब चुनाव में विपक्ष ने जाति जनगणना की आवाज उठाई तो इन्होंने जवाब दिया भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे. ये गंभीरता है इनकी.
प्रियंका बोली- बीजेपी के पास वॉशिंग मशीन है
प्रियंका गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी का नाम लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. प्रियंका ने कहा, देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए ये सब हो रहा है. सारे मौके, सारे संसाधन एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे हैं. आम लोगों के मन में ये धारणा बन रही है कि सरकार अडानी के मुनाफे के लिए काम कर रही है. जो गरीब है वो और गरीब हो रहा है. जो अमीर है, वो और अमीर हो रहा है.
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प्रियंका ने कहा, आप भी अपनी गलतियों के लिए माफी मांग लीजिए. आप भी बैलेट पर चुनाव कर लीजिए. सत्ता पक्ष के एक साथी ने यूपी सरकार का उदाहरण दिया, मैं भी महाराष्ट्र सरकार का उदाहरण देती हूं. महाराष्ट्र के सरकार को तोड़ने की कोशिश किसने की? क्या ये सरकारें जनता ने नहीं चुनी थीं. देश की जनता जानती है कि इनके यहां तो वॉशिंग मशीन है. इस तरफ दाग, उस तरफ स्वच्छता.