जुबिली न्यूज़ डेस्क
कोरोना नियंत्रण की शुरुआती हड़बड़ाहट के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब दूसरों की सलाह भी सुनने लगी है ।
आम तौर पर कांग्रेस नेताओं की खिल्ली उड़ाने वाली केंद्र सरकार ने संकट काल मे कई ऐसे कदम उठाए जिसकी सलाह कांग्रेज़ नेताओं ने दी ।
तो क्या कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और आम लोगों पर होने वाले इसके आर्थिक असर को कम से कम करने के मामले में केंद्र सरकार क्या कांग्रेस पार्टी की बात सुन रही है?
कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार को कुछ सलाह दिए थे। अब कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के जिस पैकेज की घोषणा की उसमें कई बातें ऐसी हैं, जिनकी सलाह चिदंबरम ने दी थी। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि चिदंबरम की सलाह पर इनकी घोषणा की गई हो क्योंकि ये बहुत बुनियादी सी चीजें हैं, जो हर पैकेज में होती ही हैं।
बहरहाल, अब कांग्रेस के नेता कंपनियों के लिए राहत पैकेज को लेकर भी सलाह दे रहे हैं और जब सरकार इसकी घोषणा करेगी तो वे आगे बढ़ कर इसका श्रेय ले लेंगे।
जैसे पिछले दिनों प्रियंक गांधी वाड्रा ने सभी दूरसंचार कंपनियों से कहा कि वे मोबाइल फोन के बिल से आम उपयोक्ताओं को राहत दें। इसके एक दिन के बाद दूरसंचार मंत्रालय ने प्रीपेड फोन के बिल भुगतान मे 30 अप्रैल तक राहत दे दी।
यानी 30 अप्रैल तक बिल का भुगतान नहीं करने पर फोन कनेक्शन नहीं कटेगा। इस घोषणा के बाद कांग्रेस के नेता आम लोगों को मिली इस राहत का श्रेय प्रियंका को देने लगे।