सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार है। इससे पहले यहां पर सपा की सरकार थी। सरकार बदल गई है लेकिन सूबे में अपराध कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि योगी ने 20 मार्च 2017 को यूपी की कमान संभाते ही कहा था कि अपराधी या यूपी छोड़ दें या फिर अपराध छोड़ दें। उन्होंने कहा विधानसभा में कहा कि अपराधी खुद तय कर लें कि उनका भविष्य क्या होगा।
सीएम ने कहा कि अपराध और अपराधियों को संरक्षण देने वाले तत्वों से सरकार निर्ममता से निपटेगी। हालांकि मौजूदा समय में योगी सरकार को अपराधी चुनौती देते नजर आ रहे हैं।
सूबे में एकाएक अपराध ने रफ्तार पकड़ ली है। इतना ही नहीं अपराधियों को अब खाकी का रत्ती भर भी खौफ नहीं रह गया है। हत्या, लूट, रेप व चोरी जैसी घटनायें लगातार उत्तर प्रदेश में बढ़ रही है।
आलम तो यह है कि महिलाओं के खिलाफ यौंन हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और खाकी इतनी मजबूर हो गई कि वो इसे रोकने नाकाम साबित हो रही है। योगी के दावों की पोल खुद खाकी धारक खोलते नजर आ रहे हैं।
महिलाओं के प्रति हाल में बढ़े अपराध
अभी हाल में यूपी के हाथरस में एक दलित युवती की इज्जत को खुलेआम तार-तार किया गया है और उसके शरीर पर इतने जख्म दिए गए कि उसने आखिरकार अस्तपाल में दम तोड़ दिया है। पीडि़ता के शरीर पर जख्मों की लम्बी लिस्ट है।
बताया जा रहा है कि गैंग रेप के साथ उसकी जुब़ान तक को काट दिया गया ताकि अपने साथ हुए जुल्म को वो बयां न कर सके। मामला चूंकि महिला से जुड़ा है तो इस वजह से सूबे की राजनीति में भी इस घटना को लेकर उबाल आ गया है।
प्रियंका गांधी ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव योगी पर वार करना शुरू कर दिया है। प्रियंका गांधी इन दिनों यूपी में सबसे ज्यादा सक्रिय है। आलम तो यह है कि प्रियंका की बढ़ती सक्रियता से योगी के माथे पर शिकन आती नजर आ रही है। हाथरस गैंगरेप पीडि़ता की सफजरजंग हॉस्पिटल में मौत पर प्रियंका गांधी ने योगी के खिलाफ मोर्चा खोल डाला है।
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प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि यूपी में महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। जिस प्रकार बीजेपी महिला अपराध को लेकर अखिलेश सरकार के खिलाफ मुहिम चलायी थी, ठीक अभी उसी तरह प्रियंका गांधी ने महिला अपराध को लेकर योगी सरकार पर हमलावर है।
प्रियंका गांधी ने इस मामले पर एक नहीं कई ट्वीट किया है। प्रियंका गांधी ने हाथरस रेप पीड़िता के पिता से फोन पर बात कर कहा, ‘हम आपके न्याय की लड़ाई लड़ेंगे, अभी आपको घर तक पहुंचाने के इंतजाम कर रहे हैं। मैं जल्द आपके घर आऊंगी। आपने अपनी बेटी खोई है, मैं आपका दर्द समझ सकती हूं। हम आपके साथ हैं।
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हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही।
हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। ..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 29, 2020
…यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है।अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं।
इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। @myogiadityanath उप्र की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 29, 2020
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘हाथरस की गैंग रेप एवं दरिंदगी की शिकार एक बेबस दलित बेटी ने आखऱिकार दम तोड़ दिया। नम आंखों से पुष्पांजलि! आज की असंवेदनशील सत्ता से अब कोई उम्मीद नहीं बची।
बसपा प्रमुख ने लिखा-‘यूपी के हाथरस में गैंगरेप के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर अति-दु:खद। सरकार पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करे व फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर अपराधियों को जल्द सजा सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह मांग।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था …
उधर अभी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ जिम्मेदार होंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वाले अपराधियों को महिला पुलिस कर्मियों से ही दंडित कराओ। हालांकि योगी इस दावे पर यूपी पुलिस पलिता लगाने में आगे नजर आ रही है।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर कहते हैं कि हाल के दिनों योगी राज में कानून-व्यवस्था खराब हुई है। जहां तक प्रियंका गांधी की बात है तो उन्होंने लगातार योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
सुरेश बहादुर कहते हैं कि दरअसल बीजेपी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा यूपी में फेल होता दिख रहा है। प्रियंका गांधी अब उन्हीं के हथियार से सरकार को घेर रही है। इतना ही नहीं पूरा विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार महिलाओं की सुरक्षा का दावा करती है तो ऐसी स्थिति में हाथरस की घटना सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। प्रियंका गांधी लगातार इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेर रही है। हाथरस की घटना सरकार के लिए अच्छी नहीं है।
हाथरस की घटना पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं कि यही घटना अगर दिल्ली जैसे राज्य में हुई होती तो इसे किसी और रूप में देखा जाता है। हालांकि हाथरस एक छोटी जगह है लेकिन यह घटना दिल दहला देने वाली है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ही क्या अन्य पार्टी भी योगी सरकार इस मामले पर घेर रही है जो सही है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट क्या कहती है
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला दर्ज करती है, जबकि राज्य में हर 90 मिनट में एक बच्चे के खिलाफ अपराध की सूचना दी जाती है। इस साल एनसीआरबी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे।
राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59,445 अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें रोजाना 62 मामले सामने आए हैं। यह 2017 में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जब कुल 56,011 अपराध दर्ज किए गए थे।
यूपी पुलिस ने हाल में कहा था कि प्रदेश में बलात्कार के मामले 3,946 हैं न कि 4,322. 2017 की तुलना में, 2018 में बलात्कार के मामलों की संख्या वास्तव में 7 प्रतिशत की कमी आई है’।
अखिलेश सरकार के मुकाबले योगी सरकार में महिला अपराधों में हुई बढ़ोत्तरी
एक सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा ने आरटीआई के तहत समाजवादी पार्टी के शासनकाल और भाजपा शासनकाल में हुए अपराधों के आंकड़े हासिल किए हैं। ये आंकड़े सपा शासनकाल के 16 मार्च, 2012 से लेकर 15 मार्च, 2017 तक के हैं। वहीं भाजपा सरकार में 16 मार्च, 2018 से लेकर 30 जून, 2018 तक हुए अपराधों का विवरण है।
अखिलेश यादव की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में 2012 से 2017 तक के समय में दहेज हत्या के 11449 मामले, बलात्कार के 13981 के मामले, शीलभंग के 36643 मामले, अपहरण के 48048 मामले, छेडख़ानी के 4874 मामले, महिला उत्पीडऩ के 51,027 मामले और पॉक्सो एक्ट के 13727 मामले दर्ज हुए थे।
वहीं योगी सरकार में इस साल 16 मार्च से लेकर 30 जून तक के 107 दिनों के समय में ही दहेज हत्या के 3435, बलात्कार के 5654, शीलभंग के 17249, अपहरण के 21077, छेडख़ानी के 1410, महिला उत्पीडऩ के 20573 और पॉक्सो के तहत 7018 मामले दर्ज किए जा चुके हैं