स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनावो में करारी हार के बाद हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की खबरे धीरे धीरे बाहर आ रही है। ये तो सबको पता है की राहुल गांधी अपने इस्तीफे के जरिये कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं को दबाव में लेने की कोशिश में हैं , लेकिन प्रियंका गांधी के तेवर सबको हैरानी में डाल रहे है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रियंका के दो डायलॉग्स बहुत चर्चित हो रहे हैं।
पहला – आप लोगो ने मेरे भाई को अकेला छोड़ दिया
दूसरा – कांग्रेस के हत्यारे इसी कमरे में बैठे हैं
प्रियंका गांधी का दूसरा डायलॉग ज्यादा चर्चा में है। दरअसल प्रियंका जब ये बात कह रही थी तो उनका निशाना अशोक गहलोत , चिदंबरम और कमलनाथ सरीखे वो नेता थे जिन्होंने अपने निजी स्वार्थो के लिए पार्टी के हक़ में मेहनत नहीं की।
बैठक चार घंटे चली थी और इस बीच सोनिया गांधी खामोशी से सब कुछ सुन रही थी।
प्रियंका जिस वक्त ये बात कह रही थी तो उनका गुस्सा साफ़ झलक रहा था। बैठक में शामिल एक नेता के अनुसार – ” प्रियंका लम्बे समय से ये बात कहती रही हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी के लिए कोई मेहनत नहीं कर रहे और सब कुछ राहुल गांधी को दांव पर लगा कर छोड़ दिया गया। राहुल ने मेहनत भी की लेकिन उन्हें संगठन का साथ नहीं मिला। ”
हार से आहत प्रियंका ने भले ही कुछ नहीं बोल रही हो लेकिन उनकी खामोशी उन नेताओं की ओर जरूर इशारा कर रही है जो केवल अपने स्वार्थ के लिए पार्टी में बने हुए है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के आलाकमान ने ऐसे नेताओं को चेताया है जो चुनाव के दौरान अपने बेटों को टिकट देने के लिए दबाव बनाया करते थे लेकिन चुनाव के समय जो संकट सामने आया पार्टी को उससे बाहर निकालने के लिए उन नेताओं के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
इस पूरी बैठक में सोनिया गांधी ने एक शब्द नहीं बोला लेकिन उनकी चुप्पी भी कुछ और इशारा कर रही है। मोदी की जीत नहीं बल्कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने ही पार्टी को गिराने का काम किया है। पार्टी को कमजोर करने में कुछ नजदीकी लोग ही शामिल है। कांग्रेस के इस हाल पर आने से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार विचार विमर्श कर रही है। अब देखना होगा कि कांग्र्रेस अपनी गिरती हुई साख को अब कैसे बचाती है।
राहुल और प्रियंका के तेवर की गाज गहलौत, अहमद पटेल सहित कई ऐसे बड़े नेताओं पर गिर सकती है जो महज अपने पद का इस्तेमाल ही कर रहे हैं , पार्टी के लिए गाँव गली घूमने में उनकी कोई रूचि नहीं है।
कांग्रेस का एक सच ये भी है कि बिना गांधी परिवार के नेतृत्व के कांग्रेस अब कभी चल ही नहीं सकती। ऐसे में राहुल और प्रियंका तो कांग्रेस की कमान सम्हालेंगे ही। देखना ये है कि कांग्रेस से बाहर कौन कौन जाता है।