जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जौनपुर जिला जेल में एक बंदी की हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जेल अधीक्षक ए.के. मिश्र ने बताया कि जौनपुर शहर कोतवाली क्षेत्र के जीतापट्टी, ईशापुर निवासी बसन्त लाल (58) को अदालत के आदेश पर पुलिस ने भरण पोषण के मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
बसन्त लाल दमे की बीमारी से पीड़ित था और 14 जून को उसे श्वास सम्बन्धी समस्या होने के कारण जिला अस्पताल ले जाया गया था। उन्होंने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल से छुट्टी दे दी थी, लेकिन रविवार दोपहर को अचानक फिर उसकी हालत बिगड़ी तो जेल प्रशासन ने उसे फिर अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि बसंतलाल की 19 जून को रिहाई होने वाली थी। लेकिन सोचने को मजबूर करने वाली बात ये है कि आखिर रिहाई से दो दिन पहले ही किसी कैदी की मौत कैसे संभव है, ऐसा तब है जब कैदी की सजा पूरी होने में केवल दो दिन बाकी हो।
जानकारी मिल रही है की परिजनों ने जेल कर्मचारियों पर आरोप लगाया है कि यदि किसी की तबियत ठीक नहीं थी, तो फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी कैसे मिल गयी। क्या डॉक्टर ने बिना जाँच के दवा देकर रवाना कर दिया।