न्यूज़ डेस्क
कोरोना को लेकर जहां देश भर में दहशत का माहौल है वहीं जेलें भी इससे अछूती नहीं हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की जेलों में क्षमता से कई गुना कैदी बंद हैं। कोरोना संक्रामक बीमारी है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के ज़रिये पहुँच जाती है।
यही वजह है कि जेलों में कैदियों के बीच जहां कोरोना को लेकर ज़बरदस्त खौफ का माहौल है। वहीं जेल प्रशासन ने भी कोरोना से निबटने के लिये हर संभव उपाय शुरू कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश की 15 जेलों में मास्क बनाने का काम काफी तेज़ी से चल रहा है। यह मास्क प्रदेश की 71 जेलों में बंद कैदियों को भी दिए जायेंगे, साथ ही इन्हें बाज़ार में भी सप्लाई किया जा रहा है। लखनऊ के आदर्श कारागार में बंद जिन कैदियों को सिलाई का काम आता है उन्हें जेल प्रशासन ने मास्क बनाने का काम सौंपा है।
इन कैदियों से बड़े पैमाने पर मास्क बनाने को कहा गया है। मास्क बनाने के काम से जहां एक तरफ कैदियों को रोज़गार मिलेगा वहीं बाज़ार में हो रही मास्क की किल्लत को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
अपर महानिदेशक कारागार आनन्द कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की 15 जेलों में 30 हज़ार मास्क रोजाना तैयार किये जा रहे हैं। कोई सरकारी या निजी संस्था जेलों में तैयार किये जा रहे मास्क को लेने में दिलचस्पी दिखाएगा तो कारागार विभाग उनके ऑर्डर को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आदर्श कारागार में 29 मशीनें रात-दिन मास्क बनाने के काम में लगी हुई हैं।
जेलों में कैदियों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए भी हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। सभी जेलों के गेट पर थर्मल स्कैनर लगा दिए गए हैं। इन स्कैनर के ज़रिये लोगों का टेम्परेचर चेक किया जा रहा है। जेल के गेट पर ही सैनेटाईज़ करने का इंतजाम किया गया है।
जेल के अन्दर पहले से मौजूद कैदियों को भी साबुन और सैनेटाइज़र दिया जा रहा है। पढ़े-लिखे कैदियों को जेल प्रशासन ने यह ज़िम्मा सौंपा है कि वह अनपढ़ कैदियों को बार-बार हाथ धोने और सैनेटाइज़र का इस्तेमाल करने का तरीका और फायदा बताएं।
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जेलों में जिन कैदियों को खांसी या बुखार है उन पर जेल के डाक्टरों की ख़ास नज़र है।जिन कैदियों पर डाक्टरों को ज़रा सा भी शक है उन कैदियों को बाकी कैदियों से अलग किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी जेलों में स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन कर दिया गया है।
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यह टास्क फ़ोर्स जेल अधीक्षक के निर्देश पर काम करेगी। जेल अधीक्षक इस टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष और जेलर व डिप्टी जेलर इसके सदस्य बनाए गए हैं। इस टास्क फ़ोर्स की देखरेख में जेल का मेडिकल स्टाफ कैदियों के स्वास्थ्य पर गंभीरता से देखभाल कर रहा है।