Saturday - 2 November 2024 - 5:58 PM

13 छात्राओं से बलात्कार के दोषी प्रिंसिपल को मिली मौत की सजा

जुबिली न्यूज डेस्क

दुनिया का शायद ही कोई देश होगा जहां बहू-बेटिया पूरी तरह सुरक्षित हो। ऐसी कोई जगह नहीं जहां उनके साथ हिंसा-बलात्कार जैसी घटनाएं न हो।

इतना ही नहीं दुनिया के अधिकांश देशों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बने हुए हैं फिर भी उनके साथ बलात्कार, घरेलू हिंसा घटनाएं होती है।

इंडोनेशिया में ऐसा ही एक मामला चर्चा में है। 13 छात्राओं से बलात्कार के एक दोषी प्रिंसिपल को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।

पीडि़त कई छात्राएं बहुत कम उम्र की थीं।

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इसी साल फरवरी में निचली अदालत ने 36 साल के प्रिंसिपल हेरी वीरावन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी लेकिन बांडुंग शहर के हाईकोर्ट ने उस फैसले को पलटते हुए अब मौत की सजा सुनाई है।

दरअसल अभियोजन पक्ष ने उम्रकैद की सजा का विरोध किया था और मौत की सजा की मांग की थी। प्रिंसिपल हेरी वीरावन एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल का प्रिंसिपल था।

पश्चिम जावा प्रांत के बांडुंग में उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर सोमवार को प्रकाशित न्यायाधीश के बयान में कहा गया, “हम अभियोजकों की अपील को स्वीकार करते ह। हम दोषी को मौत की सजा सुनाते हैं।”

कोर्ट ने वीरावन की संपत्ति को जब्त करने का भी आदेश दिया ताकि उसका इस्तेमाल उन पीडि़तों को मुआवजा देने के लिए किया जा सके जिनके साथ उसने यौन शोषण किया।

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पीडि़तों की उम्र 14 से 20 साल के बीच थी। वीरावन द्वारा यौन शोषण की शिकार हुईं आठ लड़कियां गर्भवती भी हो गईं थीं। वीरावन ने पांच साल के दौरान पीडि़तों का यौन शोषण किया था।

पिछले साल मई में वीरावन को बोर्डिंग स्कूल में बलात्कार के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था। जनवरी में अपने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान, वीरावन ने गलत काम करना स्वीकार किया और पीडि़तों से माफी मांगी थी।

पीडि़तों में से एक के एक रिश्तेदार ने बताया कि सोमवार को दी गई सजा ने पीडि़तों को न्याय दिलाया है।

इस मामले के बाद इंडोनेशिया में धार्मिक बोर्डिंग स्कूलों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे। ंसद में एक ऐसे बिल लाने की मांग उठी थी जिससे ऐसे अपराधों को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई हो सके।

कुछ रूढि़वादी मुस्लिम समूहों ने इस बिल का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह बिल संलिप्तता को बढ़ावा देता है क्योंकि यह विवाहेतर यौन संबंध और समलैंगिक संबंध को अपराध नहीं बनाता।

इंडोनेशिया में 25,000 से अधिक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल हैं, जिनमें लगभग 50 लाख छात्र-छात्राएं रहते हैं और पढ़ाई करते हैं।

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