जुबिली न्यूज़ डेस्क
आज आषाढ़ पूर्णिमा पूरे देश में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन करेंगे। राष्ट्रपति के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर देश को संबोधित किया। इस वीडियो सन्देश के जरिये वो भगवान बुद्ध की आठ शिक्षाओं का जिक्र करेंगे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। उन्होने कही कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है। लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर रखना, महिलाओं को आदर देना। शांति और अहिंसा का आदर करना। इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है।
धर्म चक्र कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘भगवान बुद्ध के बताए आठ मार्ग कई समाजों और राष्ट्रों के लिए कल्याण का मार्ग दिखाते हैं।यह करुणा और दया के महत्व पर काफी प्रभाव डालता है।भगवान बुद्ध की शिक्षाएं विचार और क्रिया दोनों में सरलता लाती हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि, गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपने पहले उपदेश में दो चीजों को लेकर बात की थी और वह दो चीजें थी आशा और उद्देश्य। आशा और उद्देश्य के बीच काफी मजबूत लिंक है, क्योंकि आशा से ही उद्देश्य पैदा होता है।
पीएम ने कहा कि तेज तर्रार युवा मन वैश्विक समस्याओं का हल लेकर आ रहा है। भारत के पास सबसे बड़ा स्टार्ट अप ईको-सिस्टम है। मैं अपने युवा दोस्तो से भी अपील करूंगा कि वो बुद्ध के विचारों से जुड़ें। वे खुद भी उनसे मोटिवेट हों और दूसरों को भी आगे का रास्ता दिखाएं।
आज विश्व मुश्किल हालातों का सामना कर रहा है। इन सभी चुनौतियों का समाधान गौतम बुद्ध के विचारों से किया जा सकता है। ये पहले भी प्रसांगिक थे।अभी भी हैं और आगे भी रहेंगे।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आसाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा आयोजित समारोहों का उद्घाटन किया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आयोजित धर्म चक्र दिवस समारोह को संबोधित किया।
क्या है धर्म चक्र दिवस
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की देख रेख में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ आषाढ़ पूर्णिमा को धर्म चक्र दिवस के रूप में मना रहा है। धर्म चक्र दिवस, उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट वर्तमान सारनाथ में हिरण पार्क, रुपपटाना में अपने पहले पांच तपस्वी शिष्यों को बुद्ध के पहले उपदेश की याद दिलाता है।
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इसी मौके पर पूरी दुनिया के बौद्ध हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं हिंदू धर्म में आज का दिन गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने का होता है और इसे ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है।
पढ़ा जाएगा मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन
इस अवसर पर मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन भी पढ़ा जाएगा। साथ ही अब तक मंगोलिया में संरक्षित भारतीय मूल की बौद्ध पांडुलिपि भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, आज के दिन कई अन्य महत्वपूर्ण आयोजन भी किये जाएंगे। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से शीर्ष बौद्ध धर्मगुरुओं, विशिष्ट जानकारों और विद्वानों के संदेशों को सारनाथ एवं बोधगया से प्रसारित किया जाएगा। हालांकि कोरोना वायरस के चलते ये सभी कार्यक्रम वर्चुअल होंगे। पूरी दुनिया के लगभग 30 लाख लोग आज लाइव वेबकास्ट के जरिए इनमें रूबरू होंगे।
इन जगहों पर लाइव होगा प्रार्थना समारोह
बुध पूíणमा के अवसर पर प्रार्थना समारोह को लाइव दिखाया जाएगा। ये समारोह पवित्र गार्डन लुम्बिनी, नेपाल, महाबोधि मंदिर, बोधगया, भारत, मूलगंध कुटी विहार, सारनाथ, भारत, परिनिर्वाण स्तूप, कुशीनगर, भारत, अनुराधापुरा स्तूप परिसर, श्रीलंका, बौधनाथ, स्वयंभू, नमो स्तूप, नेपाल के दूसरे लोकप्रिय बौद्ध स्थल पर किया जाएगा।