न्यूज डेस्क
गोडसे को लेकर संसद से लेकर सड़क पर संग्राम छिड़ा हुआ है। 27 नवंबर को बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। उसके बाद से सियासी माहौल गरम है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस लेकर बीजेपी को घेरे हुए हैं।
संसद में गुरुवार (28 नवंबर) को विपक्ष ने इस मामले में खूब हंगामा किया। विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि बीजेपी प्रज्ञा को पार्टी से निष्कासित करें। फिलहाल इस मामले में आज बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ने लोकसभा में माफी मांगी।
प्रज्ञा ने कहा कि ‘मेरी किसी भी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची तो मैं माफी मांगती हूं। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैं महात्मा गांधी के काम का सम्मान करती हूं। सदन के एक सदस्य ने मुझे सार्वजनिक तौर पर आतंकवादी कहा। मेरे खिलाफ तत्कालीन सरकार द्वारा रचे गए षड्यंत्र के बावजूद अदालत में कोई आरोप साबित नहीं हुआ। बिना आरोप साबित हुए मुझे आतंकवादी कहना गैर-कानूनी है। मुझे शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया गया। मेरे सम्मान पर हमला करके मुझे अपमानित किया गया।’
BJP MP Pragya Singh Thakur in Lok Sabha: A member of the House referred to me as 'terrorist'. It is an attack on my dignity. No charges against me have been proven in court. pic.twitter.com/lYCAbgJvmD
— ANI (@ANI) November 29, 2019
प्रज्ञा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है। ट्विटर और फेसबुक पर कई यूजर्स का कहना है कि यह माफी नहीं ढोंग है। दरअसल प्रज्ञा ने अपनी माफी में कहा कि मेरी किसी भी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची तो मैं माफी मांगती हूं। इसके अलावा उनका यह कहना कि वह महात्मा गांधी के काम का सम्मान करती है। यूजर्स का कहना है कि तो क्या प्रज्ञा महात्मा गांधी का सम्मान नहीं करती?
मालूम हो कि गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रज्ञा की विवादित टिप्पणी का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘आतंकवादी प्रज्ञा ने आतंकवादी गोडसे को देशभक्त बताया। यह भारत के संसद के इतिहास का एक दुखद दिन है।
आज लोकसभा में प्रज्ञा ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सदन के एक सदस्य ने मुझे सार्वजनिक तौर पर आतंकवादी कहा।
ओवैसी ने पूछा- सरकार बताए गोडसे देशभक्त या कातिल?
प्रज्ञा ठाकुर के बाद जब सदन में बवाल हुआ तो सांसदों ने अपनी बात रखी। तभी असदुद्दीन ओवैसी खड़े हुए और कहा, ‘2 फरवरी 1948 को लोकसभा स्पीकर ने राजनीतिक हिंसा की निंदा की थी। मैं सिर्फ सरकार से जानना चाहता हूं कि नाथूराम गोडसे कातिल था या देशभक्त था?’ उन्होंने कहा कि सांसद को कहना चाहिए कि नाथूराम गोडसे देशभक्त नहीं था, आतंकवादी था।
A Owaisi, AIMIM, in LS: You(LS Speaker)said that remarks (by BJP's Pragya Thakur) aren't in records. It's an egregious breach, goes against basic standard of conduct of member. The member should categorically say that Godse isn't a 'deshbhakt', he's a terrorist&murderer of Gandhi pic.twitter.com/qogBLL2vn1
— ANI (@ANI) November 29, 2019
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