जुबिली स्पेशल डेस्क
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में देखा जाये तो 1 महीने के बाद भारत को अगला राष्ट्रपति मिलेगा। इसके लिए चुनाव प्रक्रिया भी होनी है। उधर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बाद देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इसको लेकर कयास भी लगने शुरू हो गए है।
विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा पर अपनी मुहर लगा दी है। एनसीपी नेता शरद पवार कि अध्यक्षता में विपक्षी दलों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे।
वहीं एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए के अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। द्रौपदी मुम एनडीए ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना है और उनके नाम का एलान कर दिया गया है।
दूसरी ओर विपक्ष के द्वारा बनाये गए प्रेसिडेंट उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर विपक्ष में रार देखने को मिल रही है। दरअसल सीपीएम इकाई ने यशवंत सिन्हा के नाम पर अपनी नाराजगी जतायी है। उनका कहना है कि इस पद के लिए उम्मीदवार और बेहतर हो सकता था। इधर, सिन्हा के मुकाबले में झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू खड़ी हुई हैं।
सीपीएम ने फेसबुक पर एक बयान जारी करते हुए इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी थी और सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन किया गया था लेकिन अब पार्टी के अंदर उनके नाम को लेकर रार देखने को मिल रही है। बंगाल से सीपीएम के राज्यसभा सांसद विकासरंजन भट्टाचार्य ने सिन्हा के पूर्व में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से मौजूदा संबंधों को देखते हुए उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी को यह सहन करना होगा।
बता दे कि शरद पावर, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी का नाम भी सबसे आगे चल रहा था लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह से साफ हो गया है कि विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा को मौका देना का मन बना लिया है।