न्यूज़ डेस्क
भारत में राष्ट्रपति देश का राष्ट्राध्यक्ष और देश का प्रथम नागरिक होता है। इसके अलावा वो भारतीय सशस्त्र सेना की भी सर्वोच्च कमान संभालता है। स्वतंत्रता के बाद से अब तक 13 राष्ट्रपति हो चुके है। मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति है। लेकिन अब तक के राष्ट्रपतियों में एक ऐसे राष्ट्रपति भी हुए जिनके पांच साल के कार्यकाल में देश में सबसे ज्यादा सियासी उठापटक हुई। उन्होंने अपने कार्यकाल में एक दो नहीं बल्कि चार प्रधानमंत्री देखे साथ ही उनको शपथ दिलाई। वो राष्ट्रपति थे रामास्वामी वेंकटरमन। जो देश के आठवें राष्ट्रपति बने थे और आज ही के दिन यानि 22 अगस्त 1984 को उन्होंने उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था।
वेंकटरमन का जन्म 4 दिसंबर, 1910 को तमिलनाडु में तंजौर के निकट पट्टुकोट्टय में हुआ था। उनकी ज्यादातर शिक्षा-दीक्षा राजधानी चेन्नई में ही हुई। पढाई पूरी करने के बाद वो जल्द ही राजनीति में सकिय हो गये। उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ ही कई आंदोलनों में सक्रीय भूमिका निभाई। वेंकटरमन की राजनैतिक पारी लंबी रही। वो कांग्रेस के सदस्य थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई में भी हिस्सा लिया। उसके बाद वे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री और फिर उपराष्ट्रपति से लेकर राष्ट्रपति तक बने।
जब उन्होंने 1987 में देश के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली उस समय देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। इनसे पहले ज्ञानी जैल सिंह राष्ट्रपति थे, जिनके राजीव के साथ तल्ख रिश्तों की खूब चर्चा रही लेकिन वहीँ वेंकटरमन इसके उलट विवादों से परे रहने वाले शख्स थे। हालांकि उनके कार्यकाल में सियासी उठापटक का दौर खूब चला
लेकिन एक बार भी उन पर किसी भी तरह के विवादों के छींटे नहीं पड़ी।
गठजोड़ सरकारों का शुरू हुआ दौर
1988 के चुनावों में राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार को हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद देश में पहली बार केंद्र में गठजोड़ सरकारों का दौर शुरू हुआ। वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार केवल एक साल ही चल सकी। उसके बाद वेंकटरमन ने चंद्रशेखर को नौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई, जो की महज आठ महीनों तक ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ सके। तभी देश में मध्यावधि चुनावों का दौर शुरू हुआ।
हुई राजीव गांधी की हत्या
मध्यावधि चुनाव के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चेन्नई के पास पेरांबुदूर में बम धमाके से हत्या कर दी गई। इसके बाद 1990 के मध्यावधि चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिला और राष्ट्रपति के रूप में वेंकटरमन ने अब चौथे प्रधानमंत्री को शपथ दिलाई।
उसके बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि हो सकता है कि वेंकटरमन को एक बार फिर राष्ट्रपति बनाया जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शंकर दयाल शर्मा के रूप में नए राष्ट्रपति चुने गये। उन्होंने भी चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।
अब्दुल कलाम को स्पेस प्रोग्राम से मिसाइल प्रोग्राम में शिफ्ट किया
वेंकटरमन को 80 के दशक में बनी प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के भरोसे मंद मंत्रियों में भी गिना जाता था। उनके पास रक्षा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय रहे ।रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किये उन्हें भारतीय मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढाने वाला भी कहा जाता है। उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम को स्पेस प्रोग्राम से मिसाइल प्रोग्राम में शिफ्ट किया, ताकि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी में अपने पैरों पर खड़ा हो सके। उनके रक्षा मंत्री रहते हुए समेकित मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की गयी।
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