न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच रस्साकशी जारी है। कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक बार फिर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से सहयोगी दल बीजेपी पर निशाना साधा है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है, ‘राष्ट्रपति तुम्हारी जेब में है क्या? राष्ट्रपति की मुहर वाला रबर स्टैंप राज्य के बीजेपी कार्यालय में ही रखा हुआ है। अगर महाराष्ट्र में हमारा शासन नहीं आया तो स्टैंप का प्रयोग करके बीजेपी राष्ट्रपति शासन का आपातकाल लाद सकती है। इस धमकी का जनता ये अर्थ समझे क्या?’
शिवसेना ने नाराजगी इसलिए जतायी है क्योंकि निवर्तमान देवेन्द्र फडणवीस सरकार के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही थी।
बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर 7 नवंबर तक कोई सरकार नहीं बनती है तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि शिवसेना द्वारा ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की वजह से ही सरकार नहीं बन पा रही है।
वित्त मंत्री मुनगंटीवार के बयान पर भड़की शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है, ‘श्री मुनगंटीवार और उनकी पार्टी के मन में कौन सा जहर उबाल मार रहा है, ये इस वक्तव्य से समझा जा सकता है। कानून और संविधान को दबाकर जो चाहिए वो करने की नीति इसके पीछे हो सकती है।’
शिवसेना का कहना है, ‘सवाल इतना ही है कि महाराष्ट्र में सरकार क्यों नहीं बन रही है, इसका कारण कौन बताएगा? फिर से बीजेपी का ही मुख्यमंत्री बनने की घोषणा जिसने की होगी और सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया होगा तो उसके लिए क्या महाराष्ट्र की जनता को जिम्मेदार ठहराया जाए? और सरकार नहीं बनने पर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मुगलिया धमकी है। कानून और संविधान किसी के गुलाम नहीं। महाराष्ट्र में जो झमेला चल रहा है, उसकी चिंगारी हमने नहीं फेंकी है, जनता ये जानती है।’
शिवसेना ने बीजेपी पर तंज कसते हुए संपादकीय में लिखा है, ‘लोकतंत्र में बहुमत का आंकड़ा हो या न हो, किसी और को सत्ता में नहीं आने देने के घमंड की महाराष्ट्र में हार हो चुकी है। और यही लोग राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दे रहे हैं। ऐसी धमकियों से महाराष्ट्र को फर्क नहीं पड़ता। राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी देने वाले पहले सरकार बनाने का दावा तो पेश करें।’
क्या है मामला
गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को आए चुनाव नतीजों में बीजेपी को 105 तो शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई है। शिवसेना की मांग है कि ढाई-ढाई साल तक के लिए दोनों दलों का मुख्यमंत्री बनाया जाए पर बीजेपी का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस ही पूरे पांच साल तक सीएम रहेंगे। इन सबके चलते अभी तक महाराष्ट्र में सरकार नहीं बन पा रही है।
इस बीच चर्चा है कि शिवसेना सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के भी संपर्क में भी है, जिससे सरकार बनाने के नए समीकरण सामने आ रहे हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद एक नवंबर को शिवसेना ने कहा था कि वह चाहे अपने दम पर सरकार बना सकती है, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
यह भी पढ़ें : कश्मीर मुद्दे पर क्या बोली जर्मनी चांसलर एंजेला मर्केल
यह भी पढ़ें : कुर्सी के लिए हिंदुत्व वाली दोस्ती में आई दरार