जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. झारखंड सरकार ने राज्य में 100 कृषि पाठशालाएं खोलने का फैसला किया है. पहले चरण में हेमंत सोरेन की सरकार 17 कृषि पाठशालाएं खोलेगी. अगले तीन साल के भीतर 100 कृषि पाठशालाओं का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा. इन पाठशालाओं का मकसद कृषि को जीविका के साथ ही उद्योग और संस्कृति से भी जोड़ना है.
झारखंड के निदेशक कृषि निशा उरांव सिंहमार ने बताया कि यह पाठशालाएं किसानों आधुनिक तकनीक के साथ खेती के गुर सिखाएंगी. इन पाठशालाओं के आसपास ऐसे गाँव भी तैयार किये जायेंगे जहां पर किसानों के उत्पाद और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज स्थापित किये जायेंगे. यह कोल्ड स्टोरेज सोलर पॉवर के ज़रिये चलाये जायेंगे.
यह भी पढ़ें : फरीदाबाद में दस हज़ार मकानों पर चल रहा है बुल्डोज़र
यह भी पढ़ें : अब आँखों की हर समस्या दूर करेगा बीएचयू
यह भी पढ़ें : एशियाई खेल, कॉमनवेल्थ और ओलंपिक की तैयारी के लिए यूपी में बनेगी खास नीति
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : हुकूमत क्या सिर्फ तमाशा देखने के लिए है
हेमंत सोरेन की इस योजना पर निशाना साधते हुए बीजेपी ने कहा है कि झारखंड सरकार की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों के विकास के लिए तमाम कदम उठाये हैं लेकिन राज्य की मौजूदा सरकार ने किसानों के लिए चल रही पुरानी योजनाओं को भी बंद कर दिया. झारखंड के किसानों को उनके उत्पादों का सही दाम तो मिल नहीं पाता.कोल्ड स्टोरेज व कोल्ड रूम न होने से उनकी उगाई सब्जियां और फल बेकार हो जाते हैं. अब सरकार ने किसानों के लिए उम्मीद की जो किरण दिखाई है वह अगर ज़मीन पर उतरती है तो इसका स्वागत किया जायेगा.