न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। राजस्व वसूली में लापरवाही पर तीन दर्जन से अधिक वाणिज्य कर अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। शासन से हरी झंडी मिलते ही इन्हें चेतावनी से लेकर संबद्धीकरण व चार्जशीट दी जा सकती है। इन अधिकारियों पर अनुशासनात्मक मामलों में भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के स्तर पर हुई बैठकों में राजस्व वसूली की खराब स्थिति को लेकर वाणिज्य कर विभाग की काफी खिंचाई हुई थी।
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बैठक में निर्देश दिए गए थे कि वसूली में लापरवाह अधिकारियों को चिह्नित कर उनकी जगह मेहनती अफसरों को तैनात किया जाए। इसके बाद वाणिज्य कर मुख्यालय प्रदेश भर के लापरवाह अधिकारियों की सूची तैयार कर रहा है।
विभाग के सूत्र बताते है कि वाणिज्य कर आयुक्त के निर्देशन में बनाई जा रही सूची में अब तक वाणिज्य कर अधिकारी (CTO), ज्वॉइंट कमिश्नर (JC), डिप्टी कमिश्नर (DC) और एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 समेत तीन दर्जन से अधिकारियों के नाम शामिल हैं। राजस्व वसूली में योगदान को आधार मानकर इनके काम की समीक्षा की जा रही है। जल्द ही इनकी सूची शासन को भेजी जाएगी।
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15 अफसरों के खिलाफ ‘10-बी’ की कार्रवाई संभव
सूत्रों के मुताबिक 15 से अधिक ज्वॉइंट व डिप्टी कमिश्नरों के खिलाफ ‘10-बी’ (लघु दंड) की कार्रवाई हो सकती है। चूंकि राजपत्रित अधिकारियों को लघु दंड देने का अधिकार शासन को है।
इसलिए पत्रावली को आरोपों समेत शासन को भेजा जाएगा। पत्रावली में 4 से 6 ज्वॉइंट कमिश्नर और इतने ही डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी हैं, जबकि 9 से अधिक अधिकारी फील्ड से हटाकर मुख्यालय से संबद्ध किए गए हैं।
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