जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के पुणे जिले में जीका वायरस के 6 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें दो प्रेग्नेंट महिलाएं भी शामिल हैं. इन वायरस का सबसे ज्यादा खतरा प्रेग्नेंट महिलाओं को है. ये वायरस संक्रामित एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है, जो अधिकतर दिन में काटता हैं। मच्छर की यही प्रजाति डेंगू और चिकनगुनिया जैसा संक्रमण फैलाती हैं. WHO के मुताबिक जीका वायरस के ज्यादातर लोगों में लक्षण कम ही दिखते हैं.
जीका वायरस कितना खतरनाक
डॉक्टर्स के मुताबिक, जीका वायरस मच्छर से होने वाली बीमारी है. जीका इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि ये एक से दूसरे इंसान में पहुंचकर उसे संक्रमित कर सकती है. जिस इलाके में इसका केस आता है, वहां संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं होता तो ये खतरनाक बन सकता है.
क्या गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरा
डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर जीका वायरस किसी गर्भवती महिला में हैं तो उसके बच्चे तक भी पहुंच सकेत हैं. हालांकि, प्रेगनेंसी में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज और दवा दिया जाए तो बच्चे में संक्रमण की आशंका को कम किया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टर उस महिला को निगरानी में रखें और अल्ट्रासाउंड से पेट में बच्चे की गतिविधि पर नजर रखें. इस दौरान मां की देखभाल बेहद जरूरी होती है, क्योंकि अगर बच्चे में जीका वायरस पहुंचा तो उसकी सेहत बिगाड़ सकता है. इससे बच्चे के दिमाग में कई समस्याएं हो सकती हैं.
जीका वायरस के लक्षण
जोड़ों में दर्द
सिरदर्द
आंखों का लाल हो जाना
जीका वायरस से कैसे बचें
घर के आसपास जमे पानी को साफ करें.
पूरी बाजू़ के कपड़े पहनकर रखें.
संक्रमित मरीजों के इलाके में न जाएं.
खानपान का पूरी तरह ध्यान रखें.
प्रेगनेंसी में कैसे करें बचाव
गर्भवती महिलाएं अगर उस इलाके में रहती हैं, जहां जीका वायरस का संक्रमण है, तो उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. किसी व्यक्ति के संपर्क में न आएं. नियमित तौर पर अपनी सेहत की जांच करवाएं. इस वायरस की वैक्सीन न होने से सावधानी बेहद जरूरी हो जाती है.