न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए हैं। इस मामलें में राज्य मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बताया कि 26 जनवरी से राज्य के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य होगा। साथ ही सरकार की सभी स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य करने की भी योजना है।
राज्य सरकार द्केवारा ज़रिये किये गये एक परिपत्र में कहा गया है कि प्रस्तावना का पाठ ‘संविधान की संप्रभुत्ता, सबका कल्याण’ अभियान का हिस्सा है। ‘छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे ताकि वे इसका महत्व जानें। यह प्रस्ताव काफी पुराना है लेकिन हम इसे 26 जनवरी से लागू करेंगे।’ इस संबंध में सरकार ने फरवरी 2013 में परिपत्र जारी किया था। उस समय राज्य में कांग्रेस-राकांपा की सरकार थी।
सभी स्कूलों में मराठी भी अनिवार्य करेगी सरकार
इसके अलावा उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने बताया कि अगले विधानसभा सत्र में महाराष्ट्र सरकार एक कानून लाएगी। इसके तहत सभी माध्यमों के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य हो जाएगा।
उन्होने बताया कि इस मामले में मसौदा तैयार किया जा रहा है। बता दें कि देसाई मराठी भाषा के मंत्री भी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का अगला सत्र फरवरी में होगा।
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देसाई ने कहा, ‘सरकार अगले महीने के विधानसभा सत्र में एक नया कानून पेश करेगी, जो कक्षा एक से 10 तक के सभी स्कूलों में मराठी भाषा को पढ़ाना अनिवार्य करेगा।’ राज्य में 25 हजार अंग्रेजी माध्यम के स्कूल हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन स्कूलों में मराठी पढ़ाई नहीं जाती या फिर उसे वैकल्पिक विषय के तौर पर रखा जाता है। ऐसे सभी स्कूलों में मराठी पढ़ाना अनिवार्य किया जाएगा।