जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली में नई सरकार का गठन होने जा रहा है, और 27 साल बाद बीजेपी सत्ता में वापसी कर रही है। कुछ ही देर में रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। हालांकि, बीजेपी ने सीएम के नाम की घोषणा करने में 15 दिन का वक्त लिया।
प्रवेश वर्मा को नहीं मिली सीएम की कुर्सी
इस दौरान कई नाम चर्चा में रहे, लेकिन आखिर में बीजेपी ने रेखा गुप्ता पर भरोसा जताया। प्रवेश वर्मा सीएम पद के मजबूत दावेदार थे, लेकिन बीजेपी ने महिला मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। प्रवेश वर्मा नई सरकार में मंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली की जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती थी। प्रवेश वर्मा के समर्थक उनके सीएम न बनने से नाराज हैं।
प्रवेश वर्मा ने दिया बयान
प्रवेश वर्मा ने इस फैसले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा “मैं हमेशा से कहता हूं कि मैं भारतीय जनता पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं और हमेशा रहूंगा।
अपनी आखिरी सांस तक बीजेपी में ही रहना है। बीजेपी ने मेरे पिताजी को दिल्ली का मुख्यमंत्री और भारत का मंत्री बनाया था। वह भी आखिरी सांस तक पूरी ईमानदारी के साथ पार्टी की सेवा करते रहे।” उन्होंने आगे कहा “आज पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारी दी है और आगे जो भी देगी, मैं उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।
आज पूरे दिल्ली में खुशी का माहौल है, हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता यहां मौजूद हैं। मेरे समर्थक भी बहुत खुश हैं।” अब देखना होगा कि रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी दिल्ली में कैसे काम करती है और प्रवेश वर्मा को पार्टी में क्या अहम भूमिका दी जाती है।
चुनावी नतीजे आने के बाद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा चर्चा में आ गए थे और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी उनकी मेहनत की जमकर साराहना कर रहा था और तब लग रहा था कि वो ही अगले सीएम होंगे लेकिन विधायकों के बीच लंबी चर्चा के बाद उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी।