जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सलाहकार रहे प्रशांत किशोर को अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना सलाहकार नियुक्त कर लिया है. देश के जाने माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कैप्टन अमरिंदर सिंह का सलाहकार बनाये जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है.
इस मामले को पहले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सामने उठाया गया था. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार है कि वह किसी को भी अपना सलाहकार नियुक्त करे. इसे जनहित के मामले से कैसे जोड़ा जा सकता है.
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से जवाब मिलने के बाद याचिका दायर करने वालों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और वहां कहा है कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने उनके पक्ष को ठीक से नहीं सुना है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कैप्टन सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब माँगा है.
दरअसल पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने इस याचिका को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि याचिका दायर करने वाले अदालत के सामने यह साबित नहीं कर पाए कि आखिर इस नियुक्ति से उनके अधिकारों पर क्या प्रभाव पड़ा. मुख्यमंत्री जिसे चाहे अपने विवेक से अपना सलाहकार बनाए. इसमें कोर्ट क्यों दखल दे.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को अपना प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया है. प्रशांत सरकार से वेतन के रूप में सिर्फ एक रुपया लेंगे लेकिन सरकार उन्हें प्राइवेट सेक्रेटरी, पर्सनल असिस्टेंट, क्लर्क, कम्प्यूटर आपरेटर और दो चपरासी मुहैया करायेगी. ऑफिस आने-जाने के लिए उन्हें वाहन मिलेगा. साथ ही ऑफिस में जलपान के लिए सरकार हर महीने पांच हज़ार रुपये खर्च करेगी.
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प्रशांत किशोर साल 2014 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार थे. पूरी चुनावी रूपरेखा प्रशांत किशोर ने ही बनाई थी. वह नितीश कुमार के भी सलाहकार रहे. 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वो कांग्रेस के सलाहकार थे लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सहयोग न मिलने की वजह से प्रशांत किशोर कांग्रेस का दफ्तर छोड़कर चले गए थे. पश्चिम बंगाल चुनाव में उन्होंने ममता बनर्जी के सलाहकार के रूप में काम किया और चुनाव परिणाम आने से पहले ही वह पंजाब सरकार के सलाहकार बन गए.