जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में बीजेपी की सत्ता में वापसी होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद है। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जश्न का माहौल है।
वहीं चुनावी नतीजों के बाद नेताओं की लगातार प्रतिक्रिया आ रही है। वहीं इस बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इन नतीजों पर टिप्पणी की है।
शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने कहा कि भारत के लिए लड़ाई तो 2024 में होगी और यह किसी राज्य में नहीं लड़ी जाएगी।
अपने ट्वीट में पीके ने कहा, ‘भारत के लिए जंग 2024 में लड़ी जाएगी और उसका फैसला भी तभी होगा। यह किसी राज्य में नहीं होगी, यह साहेब अच्छी तरह से जानते हैं। इसीलिए वह राज्यों के चुनावों को लेकर माहौल बनाने में जुटे हैं ताकि विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की जा सके। इस गलत नैरेटिव के चक्कर में न फंसें।’
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फिलहाल इस तरह प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि बीजेपी राज्यों में जीत के बाद 2024 के लिए माहौल बनाने में जुटी है और यह जरूरी नहीं है कि वह सफल ही हो जाए।
Battle for India will be fought and decided in 2024 & not in any state #elections
Saheb knows this! Hence this clever attempt to create frenzy around state results to establish a decisive psychological advantage over opposition.
Don’t fall or be part of this false narrative.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 11, 2022
गुरुवार शाम को चुनाव नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि जब हम 2019 में आम चुनाव जीते थे तो लोगों का कहना था कि यह 2017 में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद ही तय हो गया था। क्या अब ऐसे ज्ञानी यह कहेंगे कि 2022 में उत्तर प्रदेश की जीत के बाद 2024 के लिए संकेत मिल गया है? यही नहीं उन्होंने राजनीतिक जानकारों पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्हें अब अपने बेसिक्स को ठीक कर लेना चाहिए।
2019 में टीएमसी से जुड़े थे पीके
इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी के प्रमुख प्रशांत किशोर मौजूदा समय में टीएमसी के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने टीएमसी के साथ 2024 तक के लिए करार किया है।
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दरअसल टीएमसी की प्लानिंग यह है कि वह साल 2024 में खुद को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर पेश करे। इसी रणनीति के तहत टीएमसी ने गोवा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
2019 के आम चुनाव में बीजेपी को बंगाल में 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके बाद ही टीएमसी ने प्रशांत किशोर को अपने साथ लिया था और तब से वह ममता बनर्जी की पार्टी के लिए रणनीति तैयार करने का काम करते हैं।