जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना के दोषी ठहराए गए वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट 31 अगस्त यानि कि आज सजा सुनाएगी। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ भूषण के खिलाफ अपना फैसला सुनाएगी।
अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत सजा के तौर पर भूषण को छह महीने तक की कैद या दो हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती हैं।
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भूषण द्वारा न्यायालय की तरफ से माफी मांगने के सुझाव को खारिज किए जाने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था शीर्ष अदालत की ओर से ‘स्टेट्समैन जैसा संदेश’ दिया जाना चाहिए और भूषण को शहीद न बनाएं।
तीन न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस मिश्रा ने सजा के मुद्दे पर उस दिन अपना फैसला सुरक्षित रखा था। जस्टिस मिश्रा दो सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को भूषण को न्यायापालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट के लिए उन्हें आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था। भूषण का पक्ष रख रहे धवन ने भूषण के पूरक बयान का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि वह अपने 14 अगस्त के फैसले को वापस ले ले तथा कोई सजा न दे।
धवन ने अनुरोध किया कि न सिर्फ इस मामले को बंद किया जाना चाहिए, बल्कि विवाद का भी अंत किया जाना चाहिए अटॉर्नी जनरल के. के वेणुगोपाल ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भूषण को इस संदेश के साथ माफ कर दे कि उन्हें भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं दोहराना चाहिए।
पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं। पीठ ने ट्वीटों को लेकर माफी न मांगने के रुख पर पुनर्विचार के लिए भूषण को 30 मिनट का समय भी दिया था।
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