Saturday - 11 January 2025 - 2:17 PM

प्राण प्रतिष्ठा तो 22 जनवरी को हुई थी, फिर 11 जनवरी को क्यों मनाई जा रही वर्षगांठ

जुबिली न्यूज डेस्क 

अयोध्या में आज 11 जनवरी को महोत्सव जैसा माहौल है। आज शनिवार के दिन से 3 दिनों का उत्सव मनाया जा रहा है। पिछले साल रामलला  की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजन किया जा रहा है। हालांकि कई लोगों के मन में सवाल है कि जब 2024 में 22 जनवरी की तारीख को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी तो फिर इस बार 2025 में 11 जनवरी को वर्षगांठ क्यों मनाया जा रहा है? आइए इसका कारण बताते हैं।

इस वजह से 11 जनवरी को मनाया जा रहा वर्षगांठ

अयोध्या में भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला 22 जनवरी 2024 को विराजमान हुए थे। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक वह तिथि का मुहूर्त 11 जनवरी को पड़ रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को अन्य हिंदू त्योहारों की तरह ही मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 2024 में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी के दिन की गई थी। और इस बार 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को पड़ रही है। इसलिए उत्सव मनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया,’सभी हिंदू त्यौहार विशिष्ट तिथियों के अनुसार मनाए जाते हैं इसलिए रामलला की प्रतिष्ठा की वर्षगांठ भी तिथि के अनुसार ही मनाई जाएगी। राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी और विवाह पंचमी जैसे त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं। इसी तरह, राम मंदिर की प्रतिष्ठा की वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जाएगी। यह तिथि इस साल 11 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी को पड़ेगी।’

हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 जनवरी को ही उदया तिथि को देखते हुए कूर्म द्वादशी पड़ेगी। आज कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण कारण भी बन रहे हैं। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है। वहीं, अमृत काल सुबह 9 बजकर 26 मिनट से लेकर करीब 11 बजे तक है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह साढ़े पांच बजे से करीब साढ़े छह तक है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 2 हजार अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी शनिवार को ही 2 बजे अंगद टीला कार्यक्रम स्थल पर जनसभा को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री के भी पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री करीब पांच घंटे तक अयोध्या में ही रहेंगे।

तीन दिवसीय कार्यक्रम

11 जनवरी: प्रातः यज्ञ मंडप में वैदिक मंत्रोच्चार और हवन। अपराह्न: मुख्यमंत्री द्वारा रामलला का महाभिषेक। सांयकाल: बधाई गान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां।
12 जनवरी: प्रवचन सत्र और श्रीराम कथा। रामलीला और स्वाति मिश्रा का गायन।
13 जनवरी: समापन समारोह और आरती।

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