जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि कल भारतीय लोकतंत्र के लिए सबसे शर्मनाक दिन था जब मुख्य विरोधी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यालय 24 अकबर रोड, नई दिल्ली में जाकर केन्द्र सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के नेताओं के साथ मारपीट की और उन्हें अपमानित किया.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की यह सबसे शर्मनाक घटना है. जिस तरह बर्बरता पूर्वक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मारा-पीटा गया और अपमानित किया गया वह वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा बदले की भावना की गई शर्मनाक व निंदनीय कार्रवाई है.
प्रमोद तिवारी उन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया जिसमें कहा गया कि राहुल गांधी ईडी का सहयोग नहीं कर रहे हैं, वह तो स्वयं जा रहे हैं. बिना कोई आरोप मेरा आग्रह है कि एक पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन कर लिया जाए, जिसमें सभी दलों के सांसद हों. उन्होंने कहा कि ईडी के प्रकरण की भी निष्पक्ष जांच कराने के लिए केन्द्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय जाकर इन सभी मुद्दों पर जांच कराने का अनुरोध करेगी.
उन्होंने कहा कि हाल ही में श्रीलंका में इलेक्ट्रिकल बोर्ड के चेयरमैन ने संसदीय समिति के सामने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अडानी को पावर प्लांट का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए कहा था और उस क्लाज को जिसमें प्रतिस्पर्धात्मक बोली की बात थी, किनारे कर दिया गया था.
प्रधानमंत्री काबुल से आते समय रास्ते में लाहौर पाकिस्तान उतरे थे और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से गले मिले थे, उनके घर गए थे. पत्रकार बरखा दत्त ने अपनी पुस्तक The unquiet land- Stories from India’s Fault Lines में खुलासा किया है कि यह मीटिंग संजय जिंदल ने करवाई थी.
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंरक्विस ओलैण्ड ने अनिल अंबानी को चुना था उन्होंने उसी पार्टनर को चुना जिसको भारत सरकार ने लिया था. स्मरणीय है कि यह डील प्रधानमंत्री व मिस्टर ओलैण्ड के बीच सीधे हुई थी, इसमें रक्षा मंत्री को भी शामिल नहीं किया गया था.
प्रमोद तिवारी ने कहा कि स्विटजरलैण्ड में चौकसी भाई प्रधानमंत्री से मिले थे यह वही चौकसी भाई हैं जिन्हें प्रधानमंत्री ने भाई और मित्र कहा था और बाद में वे बीस हजार करोड़ रूपये लेकर फरार हो गये थे.