पॉलिटिकल डेस्क
गोवा में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी का जो संकट था, वह भले ही खत्म हो गया है लेकिन असली परीक्षा आज होनी है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सरकार को आज विधानसभा में बहुमत साबित करना है। उनकी गठबंधन सरकार के सामने काफी बड़ी चुनौती है।
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद बीजेपी नेतृत्व के सामने सरकार बनाने को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। गोवा में बीजेपी के साथियों ने ही नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया था क्योंकि कई दल ऐसे थे जो पर्रिकर के नाम पर ही सरकार के समर्थन में आए थे। फिलहाल प्रमोद सावंत के नाम पर मुहर लगी और सहयोगी भी माने। सहयोगी दलों को मनाने के लिए भाजपा को कई विधायकों को मंत्री पद देना पड़ा तो वहीं जीएफपी, एमजीपी के प्रमुखों को उपमुख्यमंत्री भी बनाना पड़ा।
बहुमत साबित करने के लिए चाहिए 19 विधायक
बीजेपी का दावा है कि उनके पास पूरा बहुमत है। मौजूदा आंकड़ों को देखें तो भाजपा के पास अभी 12 विधायक, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के 3 विधायक, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के 3 और तीन निर्दलीय विधायक हैं यानी बीजेपी के पास कुल 21 विधायक हैं, जो कि बहुमत से 2 सीटें ज्यादा हैं। वहीं कांग्रेस के पास 14 विधायक हैं, जबकि एक एनसीपी का विधायक है।
मालूम हो कि गोवा में कुल 40 विधानसभाएं हैं, लेकिन अभी राज्य की 4 सीटें खाली हैं, जिनपर उपचुनाव होंगे। इसलिए अब गोवा में 36 विधानसभा सीटों के हिसाब से ही बहुमत तय होगा, इसलिए बहुमत साबित करने के लिए सिर्फ 19 नंबर की जरूरत है।
सीएम ने की पर्रिकर के परिजनों से मुलाकात
गोवा के नवनियुक्त सीएम प्रमोद सावंत ने मंगलवार सुबह कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले उन्होंने अपने पूर्ववर्ती दिवंगत मनोहर पर्रिकर के परिजनों से शिष्टाचार भेंट की थी। मंगलवार को सावंत पर्रिकर के आवास पहुंचे और उनके बेटे उत्पल व अभिजात से उन्होंने मुलाकात की। सावंत ने मंगलवार तडक़े दो बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।