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लॉस एंजेल्स। ईरान के साथ मौजूदा तनाव ने विदेश मंत्री माइक पोंपियो की भारत यात्रा के मिज़ाज और स्वरूप में परिवर्तन के रंग भर दिए हैं। मुमकिन है, इस यात्रा में फ़ोकस ईरान के साथ मौजूदा तनाव के मद्देनजर सामरिक साझेदारी और आतंकवाद के मुद्दे पर मित्र देशों को एकजुट करने पर होगा। इस संदर्भ में भारत को ईरान से कच्चे तेल आपूर्ति की रही सही संभावनाएं क़रीब- क़रीब ख़त्म हो जाएगी।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने संकेत दिए हैं कि वह ईरान के कच्चे तेल की आपूर्ति को शून्य स्तर तक लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि भारतीय तेल कंपनियों ने ईरान से कच्चे तेल की आपूर्ति बंद कर दी है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही थी कि बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्री ओबामा कार्यकाल की तरह न्यूनतम आपूर्ति बनाए रखने के लिए रास्ता प्रशस्त करने में सहायक होंगे।
भारतीय नेताओं के साथ पोंपियो की बातचीत में दूसरा बड़ा मुद्दा व्यापार युद्ध हो सकता है। भारत के साथ मामूली साढ़े पांच अरब के व्यापार युद्ध सहित सामरिक साझेदारी सहित अन्य मुद्दों में पोंपियो की भारत यात्रा को लेकर बड़ी उम्मीदें की जा रही थीं।
इन मुद्दे पर बातचीत की संभावनाएं तो हैं, लेकिन भारत दौरे में पोंपियो कोई आश्वासन दे पाएंगे, कहना मुश्किल है। वह अब 25 जून को देरी से भारत पहुंच रहे हैं। पूर्व कार्यक्रम के अनुसार पोंपियो 24 जून को दिल्ली पहुंचना था। भारतीय यात्रा के पश्चात पोंपियो सीधे ओसाका, जापान जाएंगे, जहां वह राष्ट्रपति ट्रम्प को ईरान में तनाव और भारत यात्रा का विवरण देंगे।
पोंपियो ने रविवार को वाशिंगटन में सऊदी रवाना होने से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनका पहला लक्ष्य अमेरिकी मित्र देशों को सामरिक साझेदारी और आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट करना है। पोंपियो सीधे भारत नहीं पहुंच कर एशियाई यात्रा के अपने पहले पड़ाव में सोमवार को खाड़ी में मित्र देश सऊदी अरब पहुंच रहे हैं, जबकि उसी दिन सायं वह अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में होंगे।
उधर, इज़रायल में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जाॅन बोलटन ने कहा है कि ईरान यह भुलावे में नहीं रहे कि अमेरिका सैन्य क्षमता के मामले में कमज़ोर है। उनकी सेना तैयार है और कभी किसी समय हमले करने में सक्षम है।
ईरान से सैन्य टकराव के मद्देनजर पोंपियो अपनी एशियाई यात्रा के पहले पड़ाव में सोमवार को जेद्दा, सऊदी अरब और फिर सायं अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में होंगे, जो खाड़ी में वर्चस्व की लड़ाई में ईरान के कट्टर प्रतिद्वंदी हैं।
पोंपियो की इन दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से बातचीत में ईरान के विरुद्ध कड़े प्रतिबंधों के अलावा आतंकवाद एक अन्य बड़ा मुद्दा होगा, जिसमें खाड़ी सहित इर्द-गिर्द के मित्र देशों को एकजुट किए जाने पर साझी रणनीति पर बातचीत होगी।
सऊदी अरब ने एक बयान जारी कर कहा है कि ईरान समर्थित हूती गिरोह ने यमन सऊदी सीमा स्थित अभा इंटेरनेशनल एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला किया है। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत और सात लोग घायल हो गए हैं। इस संबंध में सऊदी अरब खाड़ी में मित्र देशों को पहले से एकजुट करने में लगा है।
अमेरिका ने हाल ही में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर को आतंकवादी गिरोह की श्रेणी में रखा था। इस मुद्दे पर मुमकिन है कि पोंपियो की भारतीय नेताओं से भी बातचीत हो सकती है।