जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश के 22% स्कूल या तो पुराने भवनों में चल रहे हैं या फिर जर्जर हालत में है। यही नहीं 31% स्कूलों के भवनों की दीवारों पर दरारें भी हैं। यानि देश के 22% स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे सुरक्षति नहीं है। ये राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट बताती हैं।
दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने देश भर के 12 राज्यों में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम की जानकारी जुटाने के लिए सर्वे किया। यह सर्वे 12 राज्यों के 201 जिलों के 26071 सरकारी व निजी स्कूलों में किया गया। हालांकि इसमें सरकारी स्कूलों की संख्या अधिक है।
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चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्यप्रदेश, मेघालय, मिजोरम, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में किए गए सर्वे में 4 प्रतिशत स्कूल शामिल थे।
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रिपोर्ट की प्रमुख बातें
- 44% स्कूलों में ही कंप्यूटर, 34% स्कूलों में हर कक्षा के लिए कमरे नहीं।
- तकरीबन 40% स्कूलों में प्रयोगशालाओं को लेकर लचर व्यवस्था।
- 90% स्कूलों में पीने का पानी तो है लेकिन 55% स्कूलों में नहीं होती पानी की शुद्धता की जांच।
- 22% स्कूलों के प्रांगण में हाई वॉल्टेज ट्रांसफार्मर।
- 63% स्कूलों में अग्निशमन यंत्र या आग बुझाने की व्यवस्था।
- सिर्फ 21% स्कूलों में भूकंपरोधी उपाय।
- 22% स्कूलों में खेल के मैदान नहीं, 21% स्कूलों में खेल यंत्र मौजूद नहीं।
- 11% स्कूल नदी या सागर किनारे, इनमें से 56% स्कूलों में बाढ़, तूफान और बादल फटने से बच्चों को बचाने के इंतजाम नहीं, और न ही बच्चों को आपातकाल स्थिति से बाहर निकालने के लिए कोई वाहन मौजूद।
- सिर्फ 28% स्कूलों में स्कूल प्रबंधन की बसें मौजूद, इसमें भी 34% बसों में नहीं होता फर्स्ट एड किट।
- 96% स्कूलों में शौचालय, 89% स्कूलों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय, 67% स्कूलों में सफाईकर्मी नहीं।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगों के मुताबिक आयोग ने बच्चों की भागीदारी के साथ यह रिपोर्ट तैयार की है। उनके अनुसार यह रिपोर्ट देश के बच्चों की स्कूल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी। यह रिपोर्ट उन बच्चों को समर्पित है जो हर अच्छी या बुरी स्थिति का सामना करते हुए शिक्षा प्राप्त करने के अपने राष्ट्रीय दायित्व को पूरा कर रहे हैं।
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