जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के मुखपत्र कहे जाने वाले ऑर्गनाइजर में छपे एक लेख से बिहार की राजनीति में एकाएक हलचल मच गई है। दरअसल ये लेख किसी और के बारे में नहीं बल्कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार में लिखा गया है।
इस लेख के जरिये नीतीश कुमार पर शासन पर सवाल उठाया जा रहा है। इतना ही नहीं 10 जून को छपे इस लेख में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन की धज्जियां उड़ा दी है।
ऐसे में सवाल है कि आखिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र ऐसा क्या लिखा है कि बिहार की राजनीति में एकाएक भूचाल आ गया है। इस लेख में लिखा गया था कि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून, रोजगार सृजन सहित तमाम मोर्चों पर नीतीश कुमार की सरकार नाकाम रही है।
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इतना ही इस लेख में पिछले सत्रह साल के शासन का जिक्र भी किया गया है। इस लेख में बताया कि गया है कि नीतीश सरकार लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रहे हैं।
लेख में कहा गया है कि इसके समर्थन में आंकड़ों का अंबार रख दिया गया है। फिर चाहे वो शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक विकास का क्षेत्र हो या कानून-व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और पलायन का। विकास के तकरीबन सभी मोर्चों पर उसे कटघरे में खड़ा कर दिया गया है।
उधर बीजेपी ने भी इशारों में जदयू पर तंज कसा है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डा. निखिल आनंद ने कहा है कि हमारी पार्टी को नसीहत देने वाले नेता अपनी गिरेबान में झांकें। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा विधान पार्षद संजय पासवान ने जदयू और भाजपा के नेताओं को साथ मिलकर अपने मदभेद को खत्म करने की सलाह दी है।