लखनऊ मेट्रो को लेकर यूपी में सियासी वॉर चल रहा है। पहले बसपा फिर सपा और बीजेपी अपना प्रोजेक्ट बताने में लगी हुई है। हालांकि इसका प्रोजेक्ट बनाने में मायावती का हाथ है। लेकिन जमीन पर उतारने का काम खुद अखिलेश यादव ने शुरू किया और उसको पूरा भी किया, लेकिन उसका श्रेय उठाने का कार्य किसने किया ये बताने की जरूरत शायद किसी को है?
एक तरफ लखनवाइट्स को उनकी लाइफलाइन मिल रही है तो दूसरी तरफ सियासी दांव पेंच में पार्टियां अपनी वाहवाही लूटने में जुटी हुई है। ये अलग बात है कि सच्चाई से हर कोई रूबरू है। योजना किसने बनायी, प्लान किसने तैयार किया और शिलान्यास किसने किया इसकी लड़ाई पार्टियों ने अभी बंद नहीं की है। सच पूछिए तो इन पार्टियों को इस बात से बिलकुल चिंता नहीं कि आखिर सुविधा से भला किसका होने वाला है।
मेट्रो की सियासी जंग प्रदेश की हर पार्टी अपना लोहा मनवाने में लगी है, लेकिन इससे किसी को कोई मतलब नहीं कि आखिर किस सुविधा का लाभ जनता के लिए है। कोई कह रहा है हमने बनवायी तो कोई हमने तो इनसे पहले ही इसकी रूपरेखा खींच दी थी, लेकिन शिलान्यास उन्होंने कर दिया? इन सवालों के बीच एक बात तो साफ है कि लखनऊ मेट्रो को लोकसभा चुनाव मे भुनाने की पूरी चाल पहले ही रच ली गयी थी।
अखिलेश या मोदी किसकी मेट्रो
लखनऊ मेट्रो की सियासी चाल में इतनी गर्मी बढ़ चुकी है मानो मेट्रो न हुआ कोई खिलौना जो किसी पार्टी ने अपने खुद के बजट से बनवायी हो? पूरा सूबा इस बात का गवाह है कि किसने इसका प्लान बनाया और किसने इसका निर्माण और किसने इसको जनता को सौपा। फिर ऐसे सवालों को बार- बार उठाकर जनता को गुमराह करने की क्या आवश्यकता है। हां, ये बात अलग है कि इसके लिए पहल और जागरूकता के लिए काफी जदेजहद की जा चुकी है।
मायावती ने देखा था ख्याब
लखनऊ में मेट्रो लाने का ख्वाब यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने देखा था। 2011 में उन्होंने पहल करते हुए दो बार लखनऊ मेट्रो की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार को भेजी थी। हालांकि इस प्रोजेक्ट को उस समय मंजूरी नहीं मिल सकी थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद अखिलेश यादव ने लखनऊ मेट्रो को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया। .अपने इस सपने को पूरा करने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
लखनऊ मेट्रो परियोजना की शुरुआत 2013 में अखिलेश यादव सरकार ने की थी और 2017 में ये पूरी हो गई। विधानसभा चुनाव से पहले लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुआ था। लेकिन 1 दिसम्बर 2016 को ट्रेन डिपो का लोकार्पण और ट्रायल रन का शुभारम्भ कर दिया। इसके बाद यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने 5 सितंबर 2017 को मेट्रो का शुभारंभ किया और अब पीएम नरेंद्र मोदी आठ मार्च को कानपुर से विडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया तक मेट्रो रूट का उदघाटन करेंगे।