Tuesday - 5 November 2024 - 6:23 AM

गोवा में खत्म हुई पर्रिकर शैली की राजनीति !

प्रीति सिंह

गोवा की सियासत में भारतीय जनता पार्टी के लिए गुरुवार बड़ा दिन था। इस दिन के लिए बीजेपी को दो साल का इंतजार करना पड़ा। दो साल पहले बीजेपी नंबर दो थी और अब नंबर एक की पार्टी बन गई है। हालांकि इस बीच सियासी गलियारे में एक चर्चा जोरों पर है कि गोवा में पर्रिकर शैली की राजनीति खत्म हो गई है। गोवा में अब शाह-मोदी की राजनीति शुरु हो गई है।

भारतीय राजनीति में 2014 के बाद से भारतीय जनता पार्टी को सुनहरा दौर शुरु हुआ था। एक-एक बाद एक राज्यों में बीजेपी की सरकार बनती गई और साथ ही बीजेपी का कुनबा बढ़ता गया। गोवा में भी बीजेपी लंबे समय से दिवंगत मनोहर पार्रिकर के नेतृत्व में जड़े मजबूत करने में लगी हुर्ई थी, लेकिन बीजेपी को असल मायने में गोवा में कल बड़ी जीत मिली।

दो साल पहले गोवा में बीजेपी ने जब सहयोगी दलों और निर्दलियों के समर्थन से सरकार बनाई थी तो वह नंबर-2 की पार्टी थी, लेकिन अब कांग्रेस के 10 विधायकों के शामिल होने के बाद बीजेपी गोवा विधानसभा में नंबर-1 पार्टी बन गई है। अब बहुमत के आंकड़े से ज्यादा विधायक बीजेपी के हैं। 40 सदस्यीय सदन में अब भगवा पार्टी के विधायकों की संख्या 27 पर पहुंच गई है।

कांग्रेस विधायकों के भगवामय होने से अब बीजेपी गोवा में जीएफपी और निर्दलीय विधायकों के दबाव से भी मुक्त हो गई है। गुरुवार को कांग्रेस के 10 विधायकों ने बीजेपी हेडक्वार्टर में वर्किंग प्रेजिडेंट जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा। माना जा रहा है कि अब जल्द ही गोवा कैबिनेट का विस्तार होगा।

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गोवा में खत्म हुई पर्रिकर शैली की राजनीति

गोवा में मनोहर पर्रिकर बीजेपी की राजनीति की धुरी थे। गोवा में भाजपा में उनके कद का कोई और नेता नहीं था। 2017 के विधानसभा चुनाव में जब किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था तो अन्य दलों ने भाजपा की गठबंधन सरकार को तभी समर्थन दिया था जब मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री रहे। समर्थन पर्रिकर को था भाजपा को नहीं।


जब तक पर्रिकर जिंदा थे, गोवा में बीजेपी उनके हिसाब से चली। अब वहां की राजनीति बदल चुकी है। ऐसा उनके बेटे उत्पल पर्रिकर भी मानते हैं।

गुरुवार को उत्पल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मेरे पिताजी ने जो रास्ता चुना था, निश्चित तौर यह उससे अलग है। 17 मार्च को जब मेरे पिता का निधन हुआ, उसी दिन मुझे पता लग गया था कि उनका चुना हुआ रास्ता खत्म हो गया, लेकिन गोवा को इसके बारे में कल सीख मिली।’

ऐसा ही कुछ बीजेपी की सहयोगी गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री विजई सरदेसाई ने भी कहा। उन्होंने गुरुवार को कहा-

पर्रिकर शैली की राजनीतिक अब खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि यह घटना सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए गठबंधन सहयोगियों की गणितीय प्रासंगिकता को कम करती है। सरदेसाई ने गोवा फॉरवर्ड के बीजेपी के साथ विलय की संभावना से भी इंकार कर दिया।

गोवा सीएम ने दी विकास की दुहाई

कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि कांग्रेस के विधायक विकास के लिए हमारे साथ आए हैं। राज्य के विकास के लिए वह अपने मन से बीजेपी में आए हैं, उन पर कोई दबाव या खरीद-फरोख्त की बात नहीं है। उन्होंने बिना किसी शर्त के बीजेपी के साथ आने का फैसला किया।

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दरअसल बीजेपी पर लगातार खरीद-फरोख्त की राजनीति करने का आरोप लग रहा है। गोवा में जो भी सियासी उठापठक हुई, उसके लिए विपक्षी दलों ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस इस मामले को संसद के दोनों सदन में उठा चुकी है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी सदन में कह चुके हैं कि बीजेपी पोचिंग पार्टी है।

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