अविनाश भदौरिया
बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं वहीं कई राज्यों में उपचुनाव भी होने हैं। इस चुनावी मौसम में तरह-तरह की ख़बरें निकलकर सामने आ रही हैं। खैर चुनाव हैं तो ख़बरों की भरमार होना स्वभाविक है। लेकिन कुछ ऐसी ख़बरें भी हैं जिन पर गौर किया जाए तो राजनीति में कुछ बदलाव सा होता दिखता है। ये ख़बरें राजनीतिक दलों के बैनर और पोस्टर से गायब नेताओं की तस्वीरों से जुड़ी हुई हैं।
चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अब बैनर, पोस्टर के जरिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हैं। लेकिन आरजेडी से लेकर बीजेपी तक सभी पार्टी के बैनर-पोस्टर इस बार किसी खास नेता की फोटो गायब होने की वजह से ज्यादा चर्चित रहे।
बता दें कि बिहार के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय से सटा लगा एक चुनावी पोस्टर चर्चा का विषय रहा।
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इस बड़े पोस्टर से पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की तस्वीर ही गायब थी। इस आयताकार बड़े पोस्टर में लालू प्रसाद के छोटे पुत्र और विपक्षी दलों के महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की तस्वीर के साथ लिखा गया कि, ‘नई सोच, नया बिहार। अबकी बार, युवा सरकार।’
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इसी तरह अभी मध्य प्रदेश के उपचुनाव में बीजेपी ने पोस्टरों से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो गायब दिखी।
यह मामला जब तक तूल पकड़ता तब तक कांग्रेस के पूर्व सीएम ने पार्टी के वचन पत्र से राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह की फोटो को गायब कर दिया।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि, इन तस्वीरों के गायब होने के पीछे की कहानी क्या है ? क्या यह पार्टी की अंदरूनी लड़ाई की वजह से हुआ या फिर कोई सोची समझी रणनीति के तहत !
इस पूरे मामले को समझने के लिए जुबिली पोस्ट ने वरिष्ठ पत्रकार सुशील वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि, आरजेडी हो या कांग्रेस या फिर बीजेपी तीनों ही पार्टी द्वारा अपने नेताओं की तस्वीर को हटाए जाने के पीछे अंदरूनी लड़ाई जैसी बात की सम्भावना बहुत कम नजर आती है जबकि यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा अधिक लगता है।
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सुशील वर्मा ने कहा कि, पोस्टर पर फोटो सेलेब्रिटी के आधार पर लगते हैं लेकिन जब इनके चेहरे से पैदा वोट बैंक ख़त्म होने लगता है तो पार्टियाँ इनके चेहरे हटाने लगती है।
आरजेडी के पोस्टर से लालू यादव की फोटो इसलिए गायब दिखी ताकि विपक्ष भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दे को हवा न दे पाए। तेजस्वी और बिहार के लोगों को पता है कि वो जेल में हैं ऐसे में अगर आरजेडी उनके नाम पर वोट मांगेगी तो राजग को मौका मिल जाएगा राजनीति करने का। वहीं कांग्रेस के वचन पत्र से राहुल गांधी की फोटो गायब होने के पीछे की वजह यह है कि, ‘जहां जहां चरण पड़े, तहां तहां बंटाधार’।
बीजेपी के रथ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो हटाने के पीछे अंदरूनी टकराहट की बात हो सकती है, पर्सनालिटी क्लैश राजनीति में आम बात है। लेकिन यह भी सच है कि भाजपा बिना पुख्ता रणनीति के छोटा से छोटा फैसला नहीं लेती है। इसलिए उन्होंने इस पर एक परसेंट लॉस देखा होगा तो दो परसेंट लाभ जरुर देखा होगा।
बीजेपी ने अभी हाल ही में विजयाराजे सिंधिया की पुण्यतिथि पर मध्य प्रदेश में ही एक भव्य प्रोग्राम किया है उसमे ज्योतिरादित्य शामिल थे इसके बाद पोस्टर से उनकी फोटो गायब होने के पीछे कोई रणनीति जरुर होगी।
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