जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मशहूर गीतकार व शायर साहिर लुधियानवी के नाम पर सत्ता पक्ष और विपक्ष पर जंग छिड़ा हुआ है।
दरअसल पंजाब की कांग्रेस सरकार ने लुधियाना में प्रस्तावित एक आवासीय परियोजना का नाम बदल दिया है। साल 2010-11 में शिरोमणि अकाली दल- भाजपा की सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल अपार्टमेंट’ लॉन्च किया गया था।
अब इस योजना का नाम वर्तमान सरकार ने नाम बदलकर ‘साहिर लुधियानवी अपार्टमेंट’ करने का फैसला किया है। इसी पर जंग छिड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि, लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआईटी) के इस कदम को लेकर बीजेपी और उसकी पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने कांग्रेस सरकार की तीखी आलोचना की है।
दोनों पार्टियों ने इसे अटल बिहारी वाजपेयी जैसे सर्वदल प्रिय नेता का अपमान बताया है। पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नामकरण के मुद्दे को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
बताते चलें कि किसान आंदोलन के बीच पंजाब में घिरी बीजेपी अब इस मुद्दे के साथ सामने आना चाहती है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि वे साहिर लुधियानवी के खिलाफ नहीं हैं, जोकि “निस्संदेह देश के सबसे महान कवियों में से एक थे”, लेकिन “अटल बिहारी वाजपेयी के नाम को एक परियोजना से हटाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने विरोध जताते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता नहीं बल्कि एक स्टेट्समैन थे। एक सांसद के रूप में उनकी अपनी साख थी, जिसकी बराबरी कोई दूसरा नेता नहीं कर सकता।
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उन्होंने कहा कि वह राजीव गांधी की तरह एक आकस्मिक प्रधानमंत्री नहीं थे। एक परियोजना से उनका नाम बदलना पूरी तरह से अनुचित है। इसका शिअद-भाजपा गठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन वाजपेयी के नाम पर एक परियोजना का नाम रखना
सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ां उनके बारे में जान सकें।
कांग्रेस ने किया पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस नेता और एलआईटी अध्यक्ष रमन बालासुब्रमण्यम ने कहा है कि, बीजेपी इस मामले पर ‘तुच्छ राजनीति’ कर रही है। ,
बालासुब्रमण्यम ने कहा कि, “इस परियोजना को नया रूप दिया गया है। हम वाजपेयी जी का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन हमें एक स्थानीय नायक की जरूरत थी जो शहर से जुड़ा हो और गैर-विवादास्पद हो।”
उन्होंने कहा कि, लोगों से हमें सुझाव मिले कि शहर में साहिर लुधियानवी के नाम पर कोई इमारत या स्मारक नहीं है। इसलिए ऐसा किया गया। हमारा मकसद किसी भी तरह से वाजपेयी का अनादर करना नहीं है। बीजेपी पंजाब में पूरी तरह से हार चुकी है और अब चुनाव से पहले फालतू मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है।
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क्या है यह आवासीय योजना
शिअद-बीजेपी शासन काल के दौरान 2010-11 में यह आवासीय योजना शुरू की गई थी। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर ‘अटल अपार्टमेंट’ रखा गया था। शहीद करनैल सिंह नगर में इस आवासीय योजना को 8.80 एकड़ में शुरू किया जाना था।
12 मंजिल की इस आवासीय परियोजना को लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआईटी) द्वारा शुरू किया गया था। साल 2010 में पंजाब के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया ने इस योजना को लांच किया था।
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बताते चलें कि नई योजना के अनुसार, इस आवासीय परियोजना में 576 फ्लैट, जिनमें हाई इनकम ग्रुप(एचआईजी) के लिए 336 और मध्यम आय के (एमआईजी) के लिए 240 शामिल फ्लैट होंगे। इनकी लागत पहली से 12 वीं मंजिल के स्थान के आधार पर 37.9 लाख से 47.5 लाख रुपये है।
मालूम हो कि इस परियोजना का नाम बदलने का प्रस्ताव कांग्रेस नेता रमन बालासुब्रमण्यम ने दिया जोकि एलआईटी के अध्यक्ष हैं।
साहिर लुधियानवी का जन्म अविभाजित पंजाब के लुधियाना में 8 मार्च, 1921 को हुआ था। बचपन में उनका नाम अब्दुल हयी था जोकि एक प्रसिद्ध कवि और गीतकार के रूप में आगे चलकर साहिर लुधियानवी के नाम से प्रसिद्ध हुए।