जुबिली न्यूज डेस्क
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) के भीतर सियासी खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही।
बुधवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की बहुप्रतीक्षित महत्वपूर्ण बैठक हुई, लेकिन बैठक बेनतीजा रहा। पार्टी परामर्श के बगैर सरकार चलाने के पुष्प कमल दहल प्रचंड के आरोपों के जवाब में प्रधानमंत्री ओली ने अलग राजनीतिक दस्तावेज पेश करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है।
प्रधानमंत्री ओली ने सचिवालय के सदस्यों से कहा कि वह 28 नवंबर की बैठक में अलग राजनीतिक दस्तावेश पेश करेंगे।
सीपीएन के प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा कि पीएम के बालुवातार स्थित आधिकारिक निवास पर जैसे ही बैठक शुरू हुई उन्होंने कहा कि वह 28 नवंबर की बैठक में अलग राजनीतिक दस्तावेश पेश करेंगे।
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इस बैठक में प्रचंड द्वारा दिए गए 19 पन्नों की राजनीतिक रिपोर्ट पर चर्चा होने की संभावना थी, लेकिन हुई नहीं। ओली और उनके प्रतिद्वंद्वी प्रचंड के बीच 31 अक्टूबर को बैठक में तथा सीपीएन में मतभेद सामने आने के बाद यह बैठक हुई थी।
प्रधानमंत्री ओली ने मौजूदा सत्ता संघर्ष के समाधान के लिए केंद्रीय सचिवालय की बैठक बुलाने के प्रचंड के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था।
ओली और प्रचंड ने सत्ता को लेकर समझौते पर सहमत होने के बाद सितंबर में अपने मतभेद दूर किए थे, जिससे पार्टी में महीनों से चला आ रहा गतिरोध खत्म हो गया था। सचिवालय के सभी नौ सदस्य इस अहम बैठक में मौजूद थे।
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प्रचंड की पहल पर इस बैठक का आयोजन हुआ। इससे पहले ओली ने प्रचंड से रिपोर्ट वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा था कि यह उनके लिए स्वीकार्य नहीं है।