प्रमुख संवाददाता
कोरोना से निबटने के लिए सरकार ने जहां लोगों के लिए कई तरह की सहूलियतों का इंतजाम किया है वहीं जन प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय ने दवा दुकानदारों से कहा है कि इस विपदा के समय में अगर कोई गरीब आदमी दवा या मास्क के लिए आता है और उसके पास पैसा नहीं है तो उसे ज़रूरी दवाएं और मास्क दे दिया जाए।
दवा या मास्क खरीदने वाले की तस्वीर भेजे जाने पर वह तत्काल दवाओं का पैसा ऑनलाइन दुकानदार के खाते में जमा कर देंगे।
कोरोना से जंग के लिए देश के तमाम जन प्रतिनिधियों ने अपनी सांसद और विधायक निधि से बड़ी धनराशियां सरकारी कोष में देने का एलान किया है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों से कहा है कि वह अपनी निधि से कोरोना के लिए धन देने के बजाय बेहतर होगा कि अपने वेतन से धन दें।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपना एक महीने का वेतन कोरोना पीड़ितों के लिए देने का एलान करते हुए अपने सभी विधायकों से यह अपील भी की है कि वह अपना एक-एक माह का वेतन कोरोना पीड़ितों के नाम पर दान करें।
झारखंड के जामतारा विधान सभा सीट से निर्वाचित विधायक डॉ. इरफ़ान अंसारी ने झारखंड के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर बताया है कि वह शिक्षा से डॉक्टर हैं और राजनीति में आने से पहले बतौर डॉक्टर ही काम करते थे।
उन्होंने लिखा है कि यह ऐसा विपदा का समय है कि इसमें यह ज़रूरी लग रहा कि जिस चिकित्सा पेशे की पढ़ाई के बाद लोगों की सेवा की शपथ ली थी उस शपथ के अनुसार लोगों की मदद की जाए। उन्होंने सरकार से इस बात की अनुमति माँगी है कि कोरोना महामारी रहने तक उन्हें लोगों के निशुल्क इलाज की अनुमति दी जाए।
वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोरोना महामारी से निबटने के लिए प्रधानमन्त्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये की राशि जमा कराई है। व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमन्त्री राहत कोष में इतनी बड़ी राशि देने वाले राहुल गांधी देश के पहले सांसद हैं। इसके अलावा राहुल इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में भी लोगों की मदद में लगे हुए हैं।
वायनाड में कोरोना जांच को आसान बनाने के लिए राहुल गांधी ने 50 स्कैनर दिए हैं। अपने संसदीय क्षेत्र में राहुल ने हैण्ड वाश, सैनेटाइज़र और बड़ी संख्या में मास्क भी उपलब्ध कराये हैं।
विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी ने अपने कई ट्वीट के ज़रिये नरेन्द्र मोदी सरकार को कोरोना महामारी के मामले में कटघरे में खड़ा करते हुए सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था लेकिन कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए प्रधानमन्त्री राहत कोष में सबसे बड़ी राशि जमा कराकर राहुल ने दुनिया के सामने यह सन्देश भी भेज दिया कि मुश्किल समय में भारत किस तरह से एकजुट होकर मुश्किलों से जंग लड़ता है।